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विषय-सूची
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१ Foreword:: Dr. S. Bhattacharya
१-२ २ आशीर्वचन : स्वामी महेश्वरानन्द सरस्वती
३-६ Introduction
१-२३ ४ पूर्वपीठिका
२५-४४ (१) चार्वाक-दर्शन
३-२२ १ चार्वाक और लोकायतिक-नामकरण २ तत्त्व-मीमांसा ३ सुख की प्राप्ति -- दुःख और सुख का मिश्रण ४ यज्ञों और वेदों की निस्सारता ५ ईश्वर-मोक्ष-आत्मा ६ मत-संग्रह ७ अनुमान-प्रमाण का खण्डन ८ प्रत्यक्ष द्वारा व्याप्तिज्ञान नहीं हो सकता ६ अनुमान और शब्द से व्याप्तिज्ञान नहीं हो सकता १० उपमानादि से भी व्याप्ति सम्भव नहीं ११ व्याप्तिज्ञान का दूसरा उपाय भी नहीं है
१५ १२ व्याप्तिज्ञान और उपाधिज्ञान में अन्योन्याश्रयदोष १३ लौकिक-व्यवहार और वस्तुएँ
१४ चार्वाक-मत-सार (२) बौद्ध-दर्शन
२३-८९ १ चार्वाक-मत का खण्डन-व्याप्ति की सुगमता २ अन्वय-व्यतिरेक से व्याप्तिज्ञान संभव नहीं . ३ तदुत्पत्ति से अविनाभाव का ज्ञान- पंचकारणी ४ तादात्म्य से अविनाभाव का ज्ञान ५ अनुमान का खण्डन करने वालों को उत्तर ६ बौद्धदर्शन के चार भेद-भावनाचतुष्टय
३१ ७ क्षणिकत्व की भावना-अर्थक्रियाकारित्व ८ अक्षणिक पदार्थ का 'क्रम' से अर्थक्रियाकारी नहीं होना ६ सहकारियों की सहायता पाकर भी अक्षणिक अर्थक्रियाकारी नहीं ।
हो सकता
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