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3. प्राकृत भारती - सं. एवं अ. डॉ. प्रेमसुमन जैन, डॉ. सुभाष कोठारी, __ आगम अहिंसा-समता एवं प्राकृत संस्थान, उदयपुर 4. प्राकृत भाषा और साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास-ले. डॉ.
नेमिचन्द्रशास्त्री, तारा बुक एजेन्सी, वाराणसी 5. प्राकृत साहित्य का इतिहास - ले. डॉ. जगदीशचन्द्र जैन, चौखम्बा
विद्याभवन, वाराणसी 6. वज्जालग्ग में जीवन-मूल्य – सं. एवं अ. डॉ. कमलचन्द सोगाणी,
प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर 7. वज्जालग्गं- र. जयवल्लभ, सं. प्रो. माधव वासुदेव पटवर्धन, प्राकृत
टेक्स्ट सोसायटी, अहमदाबाद।
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