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जैन आमम साहित्य : मनन और मीमांसा
३. द्रव्यानुयोग-प्रवचनसार, समयसार, नियमसार, पञ्चास्तिकाय, (ये चारों कुन्दकुन्द कृत) तत्त्वार्थसूत्र (उमास्वाति कृत) और उसकी समन्त भद्र, पूज्यपाद, अकलङ्क, विद्यानं दि आदि कृत टीकाएँ, आप्तमीमांसा (समन्तभद्र) और उसकी अकलङ्क, विद्यानन्दि आदि कृत टीकाएं।
४. चरणानुयोग-मूलाचार (वटकेर), त्रिवर्णाचार, रत्नकरण्ड श्रावकाचार (समंतभद्र) आदि ।