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आगमों का व्याख्यात्मक साहित्य
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उपसंहार
जैन परम्परा के महत्त्वपूर्ण विशिष्ट शब्दों की स्पष्ट व्याख्या जो नियुक्ति साहित्य में हुई है वह अपूर्व है। उन्हीं व्याख्याओं के आधार पर बाद में भाष्यकार, चूर्णिकार और वृत्तिकारों ने अपने ग्रन्थों का सृजन किया है। नियुक्तियों की रचना करके भद्रबाह ने जैन साहित्य की जो सेवा की वह सदा अमर रहेगी।