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प्रस्तुत प्रसिद्ध ग्रन्थ 'गौतम कुलक' पर दिए गये प्रवचन हैं। पाठकों ने सर्वत्र ही इन प्रवचनों को बहुत रुचि व भावनापूर्वदत पढ़ा और इसकी प्रशंसा की।
प्रथम संस्करण समाप्त हो जाने के कारण द्वितीय संस्करण का प्रकाशन अनिवार्य हो गया था।
इसके प्रकाशनार्थ में जिन महानुभावों का सहयोग प्राप्त हुआ है, एतदर्थ हम उनके अत्यन्त आभारी हैं।
जयभारत प्रिंटिंग प्रेस के संचालक श्री प्रमोद जैन के भी हम अत्यन्त आभारी हैं, जिन्होंने अभिरुचि रखकर तत्परतापूर्वक प्रकाशन कार्य को पूर्ण कराया।