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संभिन्नचित्त होता श्री से वंचित : २
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अनेक कल्पनाएं करता है। कभी धनवान बाने, कभी विद्वान् और कभी पहलवान होने के स्वप्न देखता है और इन लालचभरे सपनों के पीछे अंधी दौड़ लगाया करता है। वह अपने अव्यवस्थित चित्त के कारण आस्था में अपने आपको ठीक समझता है, मगर इन अनेक कामनाओं का वह समन्वय नहीं कर पाता।
एक ही समय में कोई वक्ता एवं पहलवान दोनों बन सके, यह असम्भव है। एक बार में एक ही क्रिया को व्यक्ति अधिक उत्तमता और सफलता के साथ पूरा कर सकता है। अभी खाना, अभी पानी, अभी घा, अभी दुकान, अभी रेल, अभी मोटर सभी बातें एक साथ नहीं हो सकतीं। इन्हें क्रगीकरूप से पूरा करने से ही कोई उचित व्यवस्था बन पाती है। पर इनका क्रम बितरने की क्षमता अव्यवस्थित चित्त वाले व्यक्ति में नहीं होती। इसलिए वह दुविधाओं और उलझनों में पड़ा रहता है। एक भी कार्य को व्यवस्थित रूप से कर नहीं पाता।
अव्यवस्थित चित्त वाला व्यक्ति इसी तारण अनेक कार्य सामने होने पर घबरा जाता है, वह क्रम नहीं जमा पाता, व्यवम्थित ढंग से नहीं चलता। इस प्रकार अव्यवस्थित चित्त के कारण उसकी सभी प्रवृत्तियाँ श्रीहीन और असफल होती हैं। चित्त जब अव्यवस्थित होता है तो उस पर बझि-सा पड़ जाता है। अव्यवस्थित चित्त के कुछ नमूने देखिए
एक व्यक्ति स्टेशन की ओर जा रहा है। चित्त में धुकुर-पुकुर चल रही है कि 'ट्रेन मिलेगी या नहीं ? कहीं मेरे जाने से पहले ही ट्रेन न छूट जाए ?' इस प्रकार चित्त की अव्यवस्था से सारा काम बिगड़ जाता है। कार्य तो होता है, पर श्रीहीन होता है। यदि उस व्यक्ति का चित्त यह सोच ले- 'धगर स्टेशन पर पहुँचने से पूर्व ही गाड़ी छूट गई तो क्या होगा ? यही न कि जहाँ जाना वहाँ वह देर से पहुँचेगा। वह जहाँ जा रहा है, उसका भी तो यही लक्ष्य होगा के वह कार्य व्यवस्थित ढंग से पूरा हो, प्रसन्नता मिले। पर वह चित्त को अव्यवस्थित बनाकर अगली प्रसन्नता के लिए अब की प्रसन्नता को खो देता है। पहले से ही चित्त को व्यवस्थित रखे तो अलमस्त होकर प्रसन्नता पूर्वक कार्य निपटाएगा, यही तो होगाकि कुछ कार्य विलम्ब से होगा। अपना क्रम या अपनी व्यवस्थाएँ ठीक रखे तो चित में घबराहट या अव्यवस्थितता नहीं आएगी।
एक विद्यार्थी पुस्तक लिए बैठा है। प चित्त की अव्यवस्थितता के कारण फेल हो जाने की घबराहट सता रही है। फलतः पंज तो खुला है, पर चित्त और कहीं घूम
एक गृहस्थ है, अव्यवस्थित चित्त के कारण सोचता है.--'कल न जाने क्या होगा ? नौकरी मिलेगी या नहीं? बच्चे परीक्षा में उत्तीर्ण होंगे या अनुत्तीर्ण ? लड़की के लिए योग्य वर कहाँ मिलेगा ? मकान न लाने कब तक बनकर पूरा होगा ? कहीं वर्षा न हो जाए, हो गई तो पकी हुई फसल खराब हो जाएगी।'