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________________ • [१८३] आनन्द प्रवचन : भाग १ निर्दयत्त्वमहंकार - स्तृष्णा कर्कघ्रभाषणम्। नीच-पात्रप्रियत्त्वं च, पंच श्री गम्हचारिण :॥ निर्दयता, अहंकार, तृष्णा, कटु-भाषण और निकृष्ट व्यक्तियों से मित्रता ये पॉच लक्ष्मी के सहचारी हैं। अर्थात् साथ ही रहते हैं। ये पाँचों ही अवगुण लक्ष्मीपतियों में भाए बिना नहीं रहते। जहाँ भी लक्ष्मी का निवास होता है, ये अवगुण वहीं अपना अड्डा जमा लेते हैं। निर्दयता यह लक्ष्मी के साथ आने वाला सबसे पहला अवगुण है। जहाँ मनुष्य के पास धन की वृद्धि हुई कि उसके हृदय की भावना का लोप हो जाता है, धन को अधिक से अधिक मात्रा में बढ़ाने की लालच से वह गरीबों का गला काटने में तनिक भी संकोच नहीं करता। उसकी ही भावना रहती है कि मजदूरों से अधिक से अधिक परिश्रम कराया जाय पर बदलेमें कम से कम पैसा दिया जाय।। अपनी मोटर, बन्धी या तोंगे से सड़क पर गुजरने वाले धनवान व्यक्ति यह नहीं देखते कि सड़क पर कौन वृध्द, दुोल, अपंग या सहारे की अपेक्षा रखने वाला प्राणी गुजर रहा है। कौन असह्य शीफ से काँपता हुआ पड़ा है या तीव्र भूख से छटपटा रहा है। उनकी सवारी से टकरा कर कोई गिर भी जाय तो वे उसकी सहायता करने के बदले सौ गालियाँ देने के लिए तैयार रहेंगे कि, 'अंधा हो गया है या बहरा है?' पैसे की अधिकता से शराब को पानी की तरह काम में लेने वाले पुरुष मांस से परहेज नहीं करते और मांस के पीछे कितने निर्दोष प्राणियों का बलिदान होता है यह आप जानते ही हैं। यह सब कुछ आवश्यकता से अधिक धन इकट्ठा होने से ही होता है। अहंकार अहंकार, धन की वृद्धि के साथ ही जन्म लेने वाला दूसरा और मुख्य अवगुण है। लक्ष्मी के घर में प्रवेश करते व मारे घमंड के उसकी गर्दन सीधी नहीं रहती। चिरस्थायी धन मिश्र देश में एक बहुत बड़ा धनवान सेठ था। उसके दो पुत्र थे। सेठ ने अपने एक पुत्र को खूब विद्याध्ययन कराकर विद्वान् बनाया और दूसरे को राज्य का कोषाध्यक्ष बना दिया। कोषाध्यक्ष भाई को अपने पद का और अपने पैसे का बड़ा घमंड था। एक दिन वह अपने छोटे भाई से बड़े गर्वपूर्वक बोला - "देख, मैं बिना पढ़े-लिखे भी कितने ऊँचे पद पर हूँ? संपूर्ण देश की धन सम्पत्ति मेरे हाथ में है। और
SR No.091002
Book TitleAnand Pravachana Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandrushi
PublisherRatna Jain Pustakalaya
Publication Year1994
Total Pages346
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size7 MB
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