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महेन्द्र-उड़ीसा से मदुरा तक व्यापक पर्वतशृङ्खला । महोत्सव-बुन्देलखण्ड का 'महोबा', जिसके नाम पर कभी-कभी सारे के सारे बुन्देलखण्ड
भी 'महोत्सव' कह देते थे। (प्रबोधचन्द्रोदय ) महोदधि-बंगाल की खाड़ी । ( रघु०) महोदय-कान्यकुब्ज, गाधिपुर । मातंग-कामरूप में, दक्षिण-पूर्व की ओर, हीरों की खानों के लिए प्रसिद्ध एक 'पट्टी'। मानस-च्छिमी तिब्बत (हूणदेश) में कैलास के चरणों में प्रसिद्ध पुण्य स्रोत । मायापुरी-मयूर । हरिद्वार-कनखल-मायापुरी की त्रिपुरी। मारकण्ड-समरकन्द । मारव-मारवाड़, मरुस्थलों मार्तिकावन-अलवर (शाल्ब)। माल(.)-(विदेह के पूर्व तथा मगध के उत्तर-पश्चिम में ) एक 'श्यामल' देश । मालिनी-हस्तिनापुर के निकट की 'मन्दाकिनी', जिस पर कण्व ऋषि का आश्रम था। माल्यवत्-तुङ्गभद्रा पर प्रस्रवण गिरि। मित्रवन-मुलतान। मिथिला-जनकपुर, विदेह । 'नवद्वीप' विश्वविद्यालय की स्थापना ने मिथिला एवं विक्रमशिला को
स्मृतिशेष कर दिया था। मीनाक्षी-मदुरा। मवेणी-इलाहाबाद की 'युक्तवेणी' के विपरीत, हुगली पर त्रिवेणी का 'विप्रलम्भ' संगम। मुण्डा-छोटा नागपुर में, जि० राची।
लागिरि-(बिहार में ) मुंगेर, जहाँ कभी मुद्गल ऋषि का आश्रम था और जहाँ युद्ध के महान शिष्य मोग्गलायन ने 'श्रुतविंशकोटि' श्रेष्ठी को धर्म में दीक्षित किया था । ( भारतब्राह्मण) मरला-भीमा की एक धारा । नर्मदा । केरल = मालाबार । म(मौजवत्-काश्मीर में एक पर्वत, जिस पर सोम बहुत था। मलस्थान-मालवस्थान (?), मुलतान । प्रसिद्ध ऐतिहासिक फूशे ने नाम-'व्युत्पत्ति के आधार पर इसे 'सृष्टि का उद्गम' माना है ? पौराणिक गाथाओं के अनुसार यहाँ नृसिंह से द्वारा हिरण्यकशिपु का वध हुआ था, सो, इसका एक नाम प्रह्लादपुरी ( अर्थात् 'होली' का मूल स्थान) भी है। हर्षचरित के अनुसार मालवदेश, रामायण के अनुसार मल्लदेश भी। यूनानियों ने इसी को हिरण्यपुरी (हिरण्यकशिपु की पुरी, होला - हिरण्य = Aura?) कहा है। मूषिक-सिन्ध का ऊपर का भाग, राज० 'अलोर। मु(मि)गदाव-सारनाथ, 'धम्मचकपवत्तन' का 'खुला विहार' । मृत्तिकावती-पर्णाशा ( बनास ) पर भोज-राजाओं का एक देश, मार्त = मारवाड़। मेकल-विन्ध्य का एकांश, अमरकण्टक शृङ्खला, 'मेकलकन्यका' (नर्मदा) का उद्भव । मेघना (द)-पू० बङ्गाल की एक नदी । आसाम में, 'समुद्रोन्मुख' ब्रह्मपुत्र । मेदपात-मेवाड़। मेहलु-क्रमु ( काबुल ) की एक धारा । मैनाक-'शिवालिक' शृङ्खला। मोक्षदा-हरिद्वार, मथुरा, काशी, काञ्ची आदि ( सात ) 'मोक्ष-दा' पुरी मानी गई हैं। मौलि-रोहतास हिल्ज'। मौलिस्ना(स्था ?)न-मालवा, मल्ल, मूल-स्थान, मुलतान ।
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