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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चतुर्थ परिशिष्ट छन्दःपरिचय छन्द-संस्कृत में रचना प्रायः दो प्रकार की होती है---गद्य और पद्य । छन्द-रहित रचना को गद्य कहते हैं और छन्दोबद्ध रचना को पद्य । जो रचना अक्षर, मात्रा, गति, यति आदि के नियमों से युक्त होती है, उसे छन्द कहते हैं। जिन ग्रन्थों में छन्दों के स्वरूप तथा प्रकार आदि का विवेचन रहता है, उन्हें छन्दः-शास्त्र कहते हैं। वर्ण या अक्षर-छन्दःशास्त्र की दृष्टि से केवल व्यंजन ( क ख आदि ) अक्षर या वर्ण नहीं कहलाते । अकेला स्वर या व्यंजन-सहित स्वर अक्षर कहलाता है। 'आ', 'का' और 'काम्' में छन्दः-शास्त्र की दृष्टि से एक ही अक्षर है क्योंकि उनमें स्वर तो केवल एक 'आ' ही है। छन्द में अक्षर गिनते समय व्यंजनों की ओर ध्यान नहीं दिया जाता। गुरु, लघु-हस्व अक्षरों ( अ, इ, उ, ऋ, लु) को छन्दः शास्त्र में लघु कहते हैं और दीर्घ अक्षरों (आ, ई, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ ) को गुरु । इसी प्रकार क, कि आदि लघु अक्षर हैं और का, की आदि गुरु । छन्दः शास्त्र में निम्नलिखित को गुरु अक्षर माना गया है सानुस्वारश्च दीर्घश्च विसर्गी च गुरुभवेत् । वर्णः संयोगपूर्वश्च तथा पादान्तगोऽपि वा। अर्थात् अनुस्वार-युक्त, दीर्घ, विसर्गयुक्त और संयुक्त अक्षरों से पूर्व वर्ण गुरु होता है। छन्द के पाद या चरण का अन्तिम अक्षर आवश्यकतानुसार लघु या गुरु माना जा सकता है । सो इस श्लोक के अनुसार 'कंस' में 'क', 'काल' में 'का', 'दुःख' में 'दुः' और 'युक्त' में 'यु' गुरु अक्षर हैं। छन्द के चरणों की लम्बाई और गति को ठीक रखने के लिए अक्षरों के गुरु-लघु के भेद को सम्यक् हृदयंगम कर लेना चाहिए । गुरु का चिह्न (5) है और लघु का (1)। गण-छन्दः-शास्त्र में तीन-तीन अक्षरों के समूह को गण कहा गया है। उन गणों के नाम, स्वरूप तथा उदाहरणों को निम्नलिखित तालिका से समझ लेना चाहिए गण-नाम उदाहरण 최 १.मगण २. नगण ३. भगण ४. यगण ५. जगण ६. रगण ७. सगण ८.तगण संक्षिप्तनाम लक्षण तीनों अक्षर गुरु तीनों अक्षर लघु प्रथम अक्षर गुरु प्रथम अक्षर लघु मध्यम अक्षर गुरु मध्यम अक्षर लघु अन्तिम अक्षर गुरु त । अन्तिम अक्षर लघु 서 의 소국 555 मान्धाता, विद्यार्थी निगम, सरल 5।। | भारत, कृत्रिम ISS | यशोदा, सुमित्रा । । | जिगीषु, जवान | राधिका, राक्षसी ।। | सविता, कमला । तारेश, आकाश For Private And Personal Use Only
SR No.091001
Book TitleAdarsha Hindi Sanskrit kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamsarup
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1979
Total Pages831
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size15 MB
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