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वि., लेपन
विलेपनम्, लेपनन् ।
(ङ) सामान्य संकेत देवी ( पुरण ) म(ना)वर्षणम् = अवर्षणम्, अनावर्षणम्। अप्रचरि(लि)त = अप्रचरित, अप्रचलित। पद्म (पुराण) अनुगमनं करणं-सरणम् = अनुगमनं, अनुकरणं, पागिनि ( अष्टाध्यायी) अनुसरणन् ।
प्रबोध ( चन्द्रोदय) क्रोड:-डं-डा = क्रोडः, क्रोडं, क्रोडा।
बदरी वशाल (यात्रा) स्पष्टी-विशदी कृ = स्पष्टीकृ, विशदीक । बृहत्कथा)
बृहत्संहिता) वि, लेपनं ।'
ब्रह्म ( पुराण) राज- = समास का अन्तिम पद अपेक्षित है।
ब्रह्मवै ( वर्तपुराग) -परायण = समास का पूर्वपद अपेक्षित है।
ब्रह्माण्ड (पुराण) इ. = इत्यादि।
भवभूति ( उत्तररामचरित) उ.- उदाहरण ।
भविष्य (पुराण) एक. = एकवचन ।
भागवत ( पुराण) दे. = देखिए।
मत्स्य (पुराण) द्वि. = द्विवचन ।
मनुसंहिता) ब. = बनाइए।
मनु(स्मृति) बहु. = बहुवचन।
महा(भारत) मि. = मिलाइए।
(चन्द्रका ) महरौली ( अभिलेख) + = योगचिह्न ।
मेव(दूत) = = समानतासूचक।
रघु(वश) * = स्वरचित शब्द ।
राजत( रंगिणी ) (च) सप्तम परिशिष्ट की संकेत-सूची रामा(यण) (विंशति) अवदान ।
ललितविस्तर (जन्द) अवस्ता।
लिंग (पुराण) अश्वघोष ( बुद्धचरित)
वर इ (पुराण) उत्तर ( काण्ड, रामायण)
वामन (पुराण) उदयगिरि (चन्द्र तथा स्कन्दगुप्त के शिलालेख) | विक्रमांक ( देवचरित ) कालिका ( पुराण)
विष्णु (पुराण) किराता(र्जुनीय)
शत थ (ब्राह्मण) कूर्म (पुराण)
शिव (पुराण) गरुड़ ( पुराण)
स्कन्द (पुराण) जातक ( माला)
स्वयम्भू (पुराण) त्रिकाण्ड ( शेष)
हरिवंश ( पुराण) दशकुमार (चरित)
( समुद्रगुप्त की ) हरिषेण (प्रशस्ति)
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