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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रस्तावना (द्वितीय संस्करण) 'आदर्श हिन्दी-संस्कृत कोश' की उपयोगिता व लोकप्रियता इसी से प्रमाणित है कि इसका प्रथम संस्करण शीघ्र ही समाप्त हो गया और इसकी माँग, शुक्ल पक्ष के चाँद के समान, निरन्तर बढ़ती ही गई। संस्कृत-प्रेमियों, पुस्तक-विक्रेताओं, प्रकाशक व लेखक सभी की उत्कट इच्छा थी कि द्वितीय संस्करण यथाशीघ्र प्रकाशित हो, जिससे देव-वाणी की अधिकाधिक उन्नति हो। परन्तु, इस संसार में परिस्थितियाँ कभी-कभार ऐसा प्रतिकूल रूप धारण कर लेती हैं कि उन पर विजय पाना दुष्कर हो जाता है। यही कारण है कि संस्कृत-प्रेमियों को सुदीर्घकाल तक अप्रत्याशित प्रतीक्षा करनी पड़ी, जिसके लिए हम क्षमा-प्राथीं हैं । अस्तु । सभी भाषा-शास्त्री जानते हैं कि कोई भी जीवन्त भाषा वर्षों तक एक ही रूप में नहीं रहती। उसके शब्द-भंडार आदि में परिवर्तन होता ही रहता है। इसी नियमानुसार दो दशाब्दियों में हिन्दी-शब्द-भंडार का पर्याप्त विस्तार हुआ और परिणामतः हमने भी कोश का परिवर्द्धित संस्करण ही प्रकाशित करना समीचीन समझा । प्रथम संस्करण में कुछ अशुद्धियाँ भी रह गई थीं। उनका संशोधन भी अपना पवित्र कर्तव्य था। इस कार्य में हमें अपने मित्र प्रो० गोपालदत्त पाण्डेय, पूर्व-उपनिदेशक, शिक्षाविभाग, उत्तर प्रदेश, ने स्तुत्य सहयोग दिया है, जिसके लिए हम उनके कृतज्ञ हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने 'संस्कृत-कोशों का उद्भव और विकास' शीर्षक अनुसन्धानात्मक निबन्ध भी लिखा है, जिससे संस्कृत-प्रेमियों को इस विषय की रोचक व मूल्यवती जानकारी भी उपलब्ध होगी। कोश के सम्बन्ध में जिन विश्रुत विद्वानों ने स्वामूल्य सम्मतियाँ प्रदान की हैं उनके प्रति हम हार्दिक आभार प्रकट करते हैं। साथ ही कृतज्ञ हैं चौखम्बा विद्याभवन के संचालक श्री वल्लभदास गुप्त के जिन्होंने विषम परिस्थितियों में भी कोश को प्रस्तुत सुन्दर रूप में प्रकाशित किया है। हमें विश्वास है कि प्रस्तुत संस्करण पूर्व की अपेक्षा अधिक उपयोगी सिद्ध होगा। पाठकों से निवेदन है कि प्रथम संस्करण की प्रस्तावना को भी सावधानता से पढ़ने की कृपा करें, क्योंकि इसके विना वे कोश से यथेष्ट लाभ न उठा सकेंगे। ____ अन्त में, विद्वज्जनों व अध्यापक-वर्ग से सादर निवेदन है कि प्रस्तुत संस्करण की त्रुटियों की ओर हमारा ध्यान अवश्य आकर्षित करें ताकि कोश के आगामी संस्करण शुद्धतर रूप में प्रकाशित हो सके। धन्यवाद । डी-१४१ नया रान्जेद्रनगर नई दिल्ली-११००७० वैशाखी–२०३६ वि० विनीत, रामसरूप For Private And Personal Use Only
SR No.091001
Book TitleAdarsha Hindi Sanskrit kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamsarup
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1979
Total Pages831
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size15 MB
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