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________________ योगसार दीका। साधारण, अपर्याप्त, यइंद्रिय, तेद्रिय, चौइंद्रिय, नरकगति, नरक गत्या०-नरक आयु-१६ । (२) सासादन-२५ अनन्तानुबन्धी ४ कषाय, स्त्यानगृद्धि, निद्रा निद्रा, प्रचला प्रचला, दुर्भग, दुस्वर, . अनादेय, नग्रोधादि ४ संस्थान, वज्रनाराचादि ४ संहनन, अप्रशस्त विज्ञायोगति, स्त्री वेद, नीचयोत्र, तिचगति, तिथंच गत्या, उद्योत, नियंच आयु-२५ (३) मिश्र . (४) अविरत सम्यक्त-१८ अप्रत्याख्यान कषाय ४, वनपभ नाराच संहनन, औदारिक शरीर, औं० अंगोपांग, मनुष्यगति, मनुष्यगत्या, मनुष्य आयु-१० (५) देशविरत- ४-प्रत्याख्यान कफाय ४ (६) समत्वविरल-६-अथिर. अशुभ, असातावदनीय, अयश, अर.नि, शोक-६ (५) अप्रमत्चविरत-१ दवा (८) अपूर्वकरण-२६ निद्रा, प्रचला, तीर्थकर, निर्माण, प्र शम्न, विहायोगनि. पंचेन्द्रिय, तेजस, कार्मण, आहारक शरीर, अहारक अंगोपांग, समचतुरस्त्र संस्थान, देवगति, देवगल्या, वैकिरिक शरीर, वैम्झियिक अंगोपांग, वर्णादि ४, अगुगलघु, उपघात, परप्रात, उश्वास, प्रस, पादर, पर्यात प्रत्येक, स्थिर, शुभ, सुभग, आदेश, हास्य, रति, भय, जुगुप्सा=३६
SR No.090549
Book TitleYogasara Tika
Original Sutra AuthorYogindudev
AuthorShitalprasad
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages374
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Yoga, & Spiritual
File Size6 MB
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