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||श्री वीतरागायनमः।। युग प्रमुख चरित्र शिरोमणी सन्मार्ग दिवाकर आचार्य श्री विमस सागर जी महाराज की हीरक जयन्ती के शुभ
अवसर पर प्रकाशित
पुष्प नं०-६०
आचार्य सोमदेव विरचित्
यशःस्तिलक चम्पू
(पूर्व खण्ड)
अनुवादक स्व० पं० सुन्दरलाल शास्त्री
प्रेरक ज्ञान विवशकर उपाध्याय श्री भरतसागर जी महाराज
निर्देशिका
आर्यिका श्री स्याद्वादद्मतिमाता जी
अर्थसहयोगी श्री धर्मानुरागी श्री त्रिलोकचन्द कोठारी सुपुत्र श्री कुलद्वीप जी कोठारी कोटा
Yxtaram
प्रकाशक भारतवर्षीय अनेकान्त विद्वत् परिषद
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