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________________ व्रत कथा कोष [ ६३१ अर्थ :- सुगन्ध दशमी व्रत की विधि कहते हैं- श्रेष्ठ भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की पञ्चमी से यथाशक्ति पुष्पाञ्जलि व्रत करते हुए षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी और नवमी का उपवास या एकान्तर उपवास करने चाहिए। दशमी को जिन-मन्दिर में जाकर उपवास ग्रहण किया जाता है तथा चौबीस तीर्थंकरों की पूजा, अभिषेक क्रिया की जाती है । दशाङगी धूप भगवान् के सामने खेई जाती है । दस वर्ष तक इस व्रत का पालन किया जाता है, इसके पश्चात् उद्यापन क्रिया सम्पन्न की जाती है । सुगन्ध दशमी व्रत भाद्र शुक्ल दशमी के दिन व्रत ग्रहरण जिन्होंने किया है, वो लोग स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनकर प्रष्ट द्रव्य का व अभिषेक का सब सामान लेकर जिनमन्दिर जावे । ईर्याथ शुद्धि करके, भगवान का तीन प्रदक्षिणापूर्वक नमस्कार करे, अभिषेक पीठ पर यक्षयक्षणी सहित शीतलनाथ जिनेन्द्र का पंचामृताभिषेक करे, और श्रादिनाथ तीर्थंकर से लेकर शीतलनाथ जिनेन्द्र तक की प्रष्ट द्रव्य से पूजा करे, पंचकल्याणक के पृथक २ अर्घ चढ़ावे, जयमाला पढ़े, स्तोत्र पढ़े, यह विधि दिन में चार बार करे, जिनवाणी की पूजा करे, गुरुग्रों की पूजा करे, यक्षयक्षिणी क्षेत्रपाल सब का यथायोग्य पूजा सन्मान करे । ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं श्रीं श्री शीतलनाथाय ईश्वर यक्ष मानवी यक्षी सहिताय नमः स्वाहा । इस मन्त्र से पुष्प लेकर धूप खेते हुये जाप्य करे, सुगन्धित चम्पा के पुष्पों से अथवा केवड़ा के पुष्पों से जाप्य करे अर्चना करे ( क्योंकि सुगन्ध दशमी व्रत है ) शीतलनाथ तीर्थंकर का चरित्र पढ़े, व्रत कथा का वाचन करे, जिन सहस्रनाम स्तोत्र को पढ़ े, रणमोकार मन्त्र का जाप्य करे, एक थाली में १० पान लगाकर गंध, अक्षत, पुष्प, फल प्रादि रखकर महाअर्घ्य तैयार करे, महाअर्घ्य को हाथ में लेकर मन्दिर की तीन प्रदक्षिणा देकर मंगल आरती उतारे, भगवान के सामने महाअर्ध्य चढ़ा देवे, उस दिन उपवास करे, धर्मध्यान से समय बितावे, शास्त्र स्वाध्याय करे, दूसरे दिन प्रातः काल में जिनेश्वर का अभिषेक करके सुवर्ण का केतकी ( केवड़ा) पुष्प बनाकर पूर्वोक्त महार्घ्य चढ़ावे, घर जाकर दश मुनियों को प्राहारदान देवे, फिर स्वयं पारणा करे ।
SR No.090544
Book TitleVrat Katha kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj
PublisherDigambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages808
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Ritual_text, Ritual, & Story
File Size21 MB
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