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________________ ६०० ] व्रत कथा कोष सिद्धि स्वर्ग में अहमिन्द्र देव हुा । वहाँ से वह एक भव लेकर अर्थात् मनुष्य होकर मोक्ष जायेगा। सुधर्माचार्य अन्त में घोर तपश्चरण करके मोक्ष गये। शोषमुकूट सप्तमी व्रत अथ श्रावणमासे शुक्ल पक्षे सप्तमोदिनेप्यादिनाथस्य वा पार्श्वनाथस्य कण्ठे मालां शीर्षे मुकुटं च निधाय उपवासं कुर्यात् । न तु एतावता वीतरागत्वहानिर्भवति । यत: कापि कन्या तु स्ववैधव्यानिवारणाय जिनशासनागमोद्दिष्टविधि कुरुते। . एतद्विधिनिन्दकस्तु जिनागमद्रोही जिनाज्ञालोपी भवतीति न सन्देहः कार्यः । सकलकीतिभिः स्वकीये कथाकोषे श्रुतसागरैस्तथा दामोदरैस्तथादेव नन्दिभिरभ्रदेवश्च तथैव प्रतिपादित मतः पूर्वक्रमो नाक्रमो ज्ञेयः । अर्थ :- श्रावण शुक्ला सप्तमी को आदिनाथ या पार्श्वनाथ के कण्ठ में माला और शिर में मुकुट बांध कर उपवास करना, शीर्ष मुकुट सप्तमी व्रत है। वीतरागी प्रभु के गले में माला और शिर पर मुकुट बांधने में वीतरागता की हानि नहीं होती है । क्योंकि कोई भी कन्या अपने वैधव्य के निवारण के लिए जिनागम में बताई हुई विधि का पालन करती हैं । जो कोई इस विधि को निन्दा करता है, वह जिनागमद्रोही तथा जिनाज्ञालोपी होता है । अतः इस विधि में सन्देह नहीं करना चाहिए । सकलकीर्ति आचार्य ने अपने कथाकोष में तथा श्रुतसागर, दामोदर, देवनन्दी और अभ्रदेव आदि ने भी इस विधि का कथन किया है । अतः ऊपर जिस विधि का कथन किया है, वह समीचीन है, क्रमपूर्वक है, प्रक्रमिक नहीं है। विवेचन :-शीर्षमुकुट सप्तमी व्रत श्रावण सुदी सप्तमी को किया जाता है। इस दिन कन्याएं या सौभाग्यवती स्त्रियां अपने सौभाग्य की वृद्धि के लिए भगवान आदिनाथ का पूजन अभिषेक करती है तथा प्रोषधोपवास करती हुई धर्मध्यान से दिन व्यतीत करती हैं। इस व्रत में ॐ ह्रीं श्रीवृषभतीर्थ कराय नमः इस मन्त्र का या ॐ ह्रीं श्रीपार्श्वनाथाय नमः इस मन्त्र का जाप किया जाता है । रात को जागरण करना आवश्यक माना गया है । मुकुट सप्तमी व्रत में भगवान आदिनाथ और पार्श्वनाथ के नामों की एक हजार आठ जाप करनी चाहिए। इस व्रत में रात को बहत्स्वयंभूस्तोत्र, संकटहरण विनतो, दुःखहरण विनती, कल्याणमन्दिर, भक्तामर स्तोत्र आदि का पाठ करना चाहिए । अष्टमी के दिन अभिषेक, पूजन और
SR No.090544
Book TitleVrat Katha kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj
PublisherDigambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages808
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Ritual_text, Ritual, & Story
File Size21 MB
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