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________________ व्रत कथा कोष [ ५६१ तब मनोरमा ने कहा मुझे इस संसार में दो ही जगह हैं । एक तो पति-गृह दूसरा पितृ-गृह । पति के घर से बाहर निकाला है इसलिए अब मुझे पितृ-गृह छोड़ें। सारथी को दया आई इसलिए वह उसे उज्जयनी लाया और महीपाल को खबर दी । महीपाल को संशय हुश्रा क्यों घर से निकली है । जब उसे सब बात मालूम हुई तो अपने यहां उसने उसे प्राश्रय नहीं दिया । तब सारथी वापस उसे जंगल में ले गया। उसने उसे भयानक जंगल में छोड़ा उसकी प्रांखों में आंसू आ गये, उसने कहा बहन तुम व्यर्थ शोक मत करो। वह बोली मेरे कर्म ही उदय में आये हैं, कुछ उपाय नहीं है । यह सब मुझे भोगना ही पड़ेगा । आप अब जाए आमने अपनी आज्ञा का पालन किया । इस एकाकी वन में मुझे अकेले ही छोड़ दें। मेरे धर्म के सिवाय कोई आधार नहीं है । व्यर्थ में ही मेरे पर दोष लगाकर मुझे उठाया है । मनोरमा रथ से नीचे उतरी सारथी ने बड़े कष्ट से रथ को वापस फिराया। ___ उस वन में नाना प्रकार के पशु थे, पग-पग पर शेर की आवाज, सों का इधर-उधर जाना आदि देख रही थी, उसका पूरा शरीर कांप रहा था, वह रोने लगी, वह मन में सोचने लगी, मैंने कौनसा ऐसा पाप किया जिससे मुझे ऐसी जबरदस्त शिक्षा भोगनी पड़ रही है । मेरे पति परदेश में गये हैं । ऐसी सर्दी में मुझे घर से बाहर निकाला, पिता ने भी दोषी ठहराकर आश्रय नहीं दिया, मैं किसकी शरण जाऊ ऐसा सोचकर जंगल में इधर-उधर घूमने लगी। एक दिन वहां पर राज्यगृह का युवराज वन क्रीड़ा के लिए प्राया। उसकी दृष्टि मनोरमा पर पड़ी उसका सौन्दर्य देखकर वह पागल हो गया, जिससे उसने जबरदस्ती मनोरमा को उठाकर रथ में बिठा दिया और अपने घर ले आया । अपने पर संकट प्राया जानकर उसने अन्न-पानी का त्याग कर दिया, वह विचार करने लगी सब मेरे कर्मों का दोष है और मन में पंचपरमेष्ठी का ध्यान व चितन करने लगी। इधर इन्द्र का आसन कम्पायमान हुअा, उसने अवधि लगायी और जान लिया, मनोरमा पर संकट है। उसके शील की रक्षा करनी है । यदि उसकी रक्षा नहीं हुई तो वह अपने प्राण त्याग देगी और शील की कीमत संसार में नहीं रहेगी, इसलिए एक देव से कहा कि उसकी रक्षा के लिए तुम जानो । तब इन्द्र की आज्ञा से देव ने
SR No.090544
Book TitleVrat Katha kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj
PublisherDigambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages808
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Ritual_text, Ritual, & Story
File Size21 MB
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