SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 578
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ व्रत कथा कोष [ ५१६ रत्नत्रय व्रत के दिनों में तिथिवृद्धि या तिथिह्रास हो तो पहले के समान व्रत व्यवस्था समझनी चाहिए । एक तिथि की वृद्धि होने पर एक दिन अधिक और एक तिथि की हानि होने पर एक दिन पहले से व्रत करना चाहिए । व्रत तिथि का प्रमाण छः घटी ही उदयकाल में ग्रहण किया जायेगा। रत्नत्रयव्रत कथा भाद्रमास, माघ मास, और चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष के प्रथम शुक्ल पक्ष में द्वादशी को एकासन करके, चारों प्रकार के आहार पानी का त्याग करे, त्रयोदशी को प्रातःकाल शुद्ध होकर जिन मन्दिरजी में जावे, मन्दिर की तीन प्रदक्षिणा लगाकर भगवान को नमस्कार करे, रत्नत्रय भगवान (शान्ति कुन्थु अरह) का पंचामृताभिषेक करे, अष्टद्रव्य से अलग-अलग पूजा करे, श्रुत व गुरु, यक्षयक्षि क्षेत्रपाल की पूजा करे, सम्यग्दर्शन ज्ञान चारित्र को पूजा करे । ॐ ह्रीं सम्यग्दर्शनज्ञानचारित्रेभ्यो नमः । इस मन्त्र का १०८ बार पुष्प लेकर जाप करे, णमोकार मन्त्र का १०८ बार जाप करे, व्रत कथा पढ़े, सहस्र नाम पढ़े, एक पूर्ण अर्घ्य हाथ में लेकर मन्दिर की तीन प्रदक्षिणा लगावे, मंगल आरतो उतारे, अर्घ्य भगवान को चढ़ा देवे । इस प्रकार चतुर्दशी को और पूर्णिमा को पूजा करे, तीनों दिन निर्जल उपवास करे, आश्विन कृष्ण एकम। (भाद्रकृष्ण एकम) को दानपूजा करके स्वयं पारणा करे, इस व्रत को साल में तीन बार करे । ब्रह्मचर्य का पालन करे, इस व्रत को सतत तीन वर्ष करना पढ़ता है, अन्त में उद्यापन करे, उद्यापन का सामर्थ्य नहीं होने पर व्रत को दुगुना करे । यह इस व्रत की उत्कृष्ट विधि है । दूसरी प्रकार की विधि में मात्र इतना ही फरक है कि द्वादशी को एकासन त्रयोदशी को उपवास, चतुर्दशी को एकासन पूर्णिमा को उपवास प्रतिपदा को एकासन करना । इस व्रत को तेरह वर्ष करके उद्यापन करना पड़ता है। बाकी पूजा विधि सब उपरोक्त प्रमाण ही करना पड़ता है । तीसरी प्रकार की विधि और पाई जाती है, जिसमें द्वादशी से लेकर पूर्णिमा दूसरा
SR No.090544
Book TitleVrat Katha kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj
PublisherDigambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages808
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Ritual_text, Ritual, & Story
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy