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शांति मण्डल कल्प: ( पूजा ) -
परमपूज्य श्री १०८ आचार्य आदि सागरजी महाराज ( अंकलीकर) की ४६वीं पुण्य तिथि (समाधि दिवस) के उपलक्ष में आयोजित समारोह में परमपूज्य श्री १०८ गणधराचार्य महाराज के करकमलों द्वारा श्री दिगम्बर जैन मन्दिर चम्पा बाग, ग्वालियर में भारी जनसमूह के बीच दिनांक ५-३ ८६ को करवाया ।
संघातिपति श्राचार्यो का फोटो कलेण्डर का प्रकाशन-
ग्रन्थमाला समिति ने संधाधिपति आचार्यो का फोटो कलैण्डर प्रकाशित करवाकर इस कलैण्डर की प्रथम प्रति परमपूज्य सन्मार्ग दिवाकर निमित्तज्ञान शिरोमणि श्री १०८ प्राचार्य विमलसागरजी महाराज को दिनांक २३-१२-८८ को सिद्धक्षेत्र श्री सोनागिरजो में भेट की गई ।
इस फोटो कलैण्डर के मध्य में वर्तमान युग के प्रथम दिगम्बर जैनाचार्य परमपूज्य समाधि सम्राट श्री १०८ प्राचार्य आदि सागरजी महाराज ( अकंलीकर) का फोटो प्रकाशित किया गया है ।
इसके चारों और परमपूज्य श्री १०८ प्राचार्य शांति सागरजी महाराज, प्राचार्य महावीर कीर्तिजी महाराज आचार्य देशभूषणजी महाराज, प्राचार्य विमलसागरजी महाराज, आचार्य धर्मसागरजी महाराज, आचार्य सन्मतिसागरजी महाराज, आचार्य अजित सागरजी महाराज, प्राचार्य विद्यासागरजी महाराज, प्राचार्य विद्यानन्दजी महाराज, श्राचार्य बाहुबली सागरजी महाराज, प्राचार्य सुबलसागरजी महाराज, गणधराचाय कुन्थुसागरजी महाराज के फोटो प्रकाशित किये गये हैं ।
इसके नीचे श्री १०८ गणिनी आर्यिका विजयामती माताजी, गणिनी आर्यिका सुपार्श्वमती माताजी, गणिनी प्रायिका ज्ञानमती माताजी, गणिनी आर्यिका कुलभूषण मति माताजी के फोटो प्रकाशित किये गये हैं ।
इसमें परमपूज्य श्री १०८ मगधराचार्य कुन्थु सागरजी महाराज के विशाल संघ तथा आर्यिका संघ के फोटो भी प्रकाशित किये गये है । मध्य में आरा (बिहार) में श्री चन्द्रप्रभु मन्दिर में विराजमान प्रतिशयकारी श्री ज्वालामालिनी देवी का फोटो प्रकाशित किया गया है ।
इस प्रकार यह कलैण्डर बहुत ही सुन्दर तथा मनमोहक है । इसके प्रकाशन में समिति का यही उद्देश्य है कि एक ही फोटो कलैण्डर के माध्यम से सभी भव्य श्रात्मानों को सभी साधुओं के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हो सके ।
प्रथम पुष्प लघुविद्य नुवाद ग्रन्थ का पुनः प्रकाशन -
ग्रन्थमाला समिति द्वारा प्रथम पुष्प के रूप में प्रकाशित ' लघुविद्यानुवाद" ग्रन्थ