SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 393
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३३× ] हृत कथन कम कोष करूँ, यह उत्तम विश्चि है, याद, महिने, हुक, पूजा करता मध्यम विधि है जाममहिने लकः पूजाविश्वि करना, जन्म विधि है। करके छागे पुग्ने वाली त्यहि करके, इस व्रत कर उद्यापन करे व्रत की विधि है तीनों में से किसी भी विधि का सम्वहर में किच्चतिप्रति स चौबीसी के विद्युत उस समय चारों प्रकार का दान करे, इस प्रका की मीठी | क BE THE 15 FPIES कथा 21 OR 5) TE व्रत. जम्बूद्वीप के भरत क्षेत्र अति देश है उस देश में हस्तिनापुर नगर हैं, उस नगरी की जय राजा जणावसि रानी के साथ में प्रमिन्दसि सभ्य करता था, एक बार नगरी के उद्यान में 1000 मुर्गियों प्रकार संघा बाकस उतार एक्नालद्वारा राजा को खबर मिलने पर श्रद्धा से निदर्शन-परिजन पुरजन सहित चला, वहां जाकर दर्शन किये, दर्शनों के बाद धर्मक्षवरण के लिये सभा में बैठ गया, धर्मोपदेश के अनन्तर खनो कहने लगी कि है, गरी स्वामिन ! मुझे अनन्त सुख का क कारण ऐसा कोई एक वृत प्रदान के लिये तब मनिराज के जयवति को विद्यानंद रानी का स्वरूप कहा और विधि कुड़ी, रानी ने उस व्रत को सहर्ष स्वीकार किया, फिर, कहने लगे कि इस व्रत को किसने पालन किया और उसको क्या फल मिला, उसकी HAI REAL ZIJA, Sfi folemiæet 3p dip ay ‚É ge तुम सुनो! सामरतीक्षेत्र के अन्तर्गत मगधदेशा है, उसमें एक राजगृही नग सी है, उसी नगरी में एक सिंहरथ सजा अपनी लक्ष्मीमति रानी के साथ में सुख से तर राज्य करता था राजाही बार में एक धनपाल से खाती बंदाभूति मानता था, उस सेठ के कालक्रम से सुरदत्त, विमल व विकार, ऐसे तीन पुत्र एक PR 1 3 FIF दिन सेठ को वैराग्य उत्पन्न होने के कारण वह जंगल में जाकर किसी मुनिराज से SOTER दीक्षा ग्रहण करके तपश्चर्या करने लगा ज्येष्ठ पुत्र सुरदत्त था, वो सप्तव्यसनी होकर बहुत पाप कमीने लगी, एक दिन Freemasons on दक्ष भीग में मैकट S मेरकर "नरक में उत्पन्न हो, वहाँ नगर का नाम RIPPE DIER F न होते हो उसके मा बाप मर रूक यहाँ दुमुख नाम का पुत्र उत्पन्न हुमा, दुर्मुख गये, बड़े कष्ट से बड़ा हुआ, जैसा नाम खाची " Fisting FF DE FY HE BE SF FFFF IF FIFTH गांव के लोग FEE
SR No.090544
Book TitleVrat Katha kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj
PublisherDigambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages808
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Ritual_text, Ritual, & Story
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy