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________________ व्रत कथा कोष [ ३१६ यज्ञोपवीत, फूले हुए चने डालकर प्रत्येक वायना तैयार करे और बांधकर ऊपर से सूत्र लगाकर वेष्टित करदे, उन दश वायना करंड को, एक देव, एक शास्त्र, एक गुरु, एकेक पद्मावती, रोहणी, प्रज्ञप्ति, जलदेवता व श्रुतदेवी, एक पुरोहित को देवे, पांच सौभाग्यवती स्त्रियों को भी देवे, एक अपने घर ले जावे, चतुविध संघ को आहार दानादि देने, इस प्रकार इस व्रत की विधि कही है । कथा इस जम्बूद्वीप के भरत क्षेत्र में प्रवन्ति देश के अन्दर चम्पापुर नामक नगर है, उस नगर में एक श्रीपाल राजा अपनी रानी लक्ष्मीमती सहित राज्य करता था । एक दिन उस नगरी के उद्यान में श्रुतसागर नाम के मुनि श्रपने संघ सहित आकर विराजमान हुए । उद्यान में मुनि संघ आया है, इस प्रकार के समाचार बनमाली से राजा को प्राप्त होते ही, पुरजन परिजन सहित दर्शनार्थ बन को गया, नमस्कारादि करके धर्मश्रवरण को सभा में बैठ गया । धर्मश्रवरण के बाद लक्ष्मीमति रानी मुनिराज को हाथ जोड़ विनयपूर्वक प्रार्थना करने लगी की हे गुरुदेव ! प्राप मेरे लिए कोई व्रत विधान कहो, जिससे मुझे इस भव में भी सुख मिले और परभव में भी, तब मुनिराज उसकी प्रार्थना पर ध्यान देकर कहने लगे कि हे बेटी ! तुम दुरित निवारण व्रत का पालन करो, इस व्रत के प्रभाव से जीव को अतिशय पुण्य की प्राप्ति होती है । परम्परा से मोक्ष सुख की प्राप्ति होती है । मुनिराज ने व्रत की विधि बताई, मुनिराज के मुख से व्रत की विधि सुनकर लक्ष्मीमती ने व्रत को स्वीकार किया, तब एक मनोहरी नाम की श्राविका हाथ जोड़कर प्रार्थना करने लगी कि स्वामि मेरे निःसन्तान होने का क्या कारण है, और मेरे घर में दरिद्रता का निवास है, सो कैसे वया करू ? मेरा कैसे कष्ट निवारण हो ? मैंने पूर्व भव में कौनसा पाप किया ? सब आप कृपा करके कहें । तब मुनिराज कहने लगे कि है मनोहरी तुम्हारे पूर्व के तीसरे भव में द्वारिका नगरी में धनपाल की पत्नी वसुमति थी, वह वसुमति तेरी सौत थी, तू वहां पर निःसन्तान थी, तेरी सौत के चार पुत्र थे, तूने डाह से उन चारों पुत्रों के ऊपर विष प्रयोग किया और मार डाला, पुत्र-वियोग से तुम्हारी सौत प्रार्तध्यान से मरकर
SR No.090544
Book TitleVrat Katha kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj
PublisherDigambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages808
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Ritual_text, Ritual, & Story
File Size21 MB
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