SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 344
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ व्रत कथा कोष [ २८५ जिनरात्रिव्रत का स्वरूप जिन रात्रिव्रतं फाल्गुन कृष्ण प्रतिपदामारभ्य कृष्णपक्षचतुर्दश्यामुपवासाः वा केवलं तस्यामेवोपवास एवं नववर्षारण यावत् वा चतुर्दशवर्षाणि । अर्थ :- जिन रात्रि व्रत में फाल्गुन कृष्णा प्रतिपदा से प्रारम्भ कर चतुर्दशीपर्यन्त उपवास करने चाहिए । प्रत्येक उपवास के बीच में एक दिन पारणा करनी चाहिए । इस व्रत की अवधि नौ वर्ष या चौदह वर्ष प्रमाण है । अर्थात् प्रथम विधि करने पर ६ वर्ष के अनन्तर उद्यापन करना चाहिए और द्वितीय विधि करने पर चौदह वर्ष के पश्चात् उद्यापन करना चाहिए । विवेचनः – जिनरात्रि के व्रत के सम्बन्ध में दो मान्यताएं प्रचलित हैंप्रथम मान्यता के अनुसार यह व्रत फाल्गुन कृष्ण प्रतिपदा से आरम्भ किया जाता है । प्रथम उपवास प्रतिपदा का करने के उपरान्त द्वितीया का पारणा, तृतीया का उपवास, चतुर्थी को पारणा, पंचमी को उपवास, षष्ठि को पारणा, सप्तमी को उपवास, अष्टमी को पारणा; नवमी को उपवास, दशमी को पारणा; एकादशमी को उपवास द्वादशी को पारणा; एवं त्रयोदशी को और चतुर्दशी को उपवास करना चाहिए | इस प्रकार नौ वर्ष तक पालन कर व्रत का उद्यापन कर देना चाहिए । व्रत की कथा में महावीर तीर्थंकर की कथा पढ़ े । दूसरी मान्यता यह है कि केवल फाल्गुन वदी चतुर्दशी को उपवास करे, मन्दिर में जाकर भगवान का पंचामृत अभिषेक करे तथा अष्टद्रव्य से त्रिकाल पूजन करे, तीनों समय नियमित सामायिक और स्वाध्याय करे, रात्रि को धर्मध्यानपूर्वक जागरण सहित व्यतीत करे । “ॐ ह्रीं त्रिकाल चतुर्विंशतितीर्थ करेभ्यो नमः स्वाहा ," इस मन्त्र का जाप रात्रि को करना चाहिए । तथा बृहद स्वयंभू स्तोत्र का पाठ भी करना चाहिए । रात्रि के पूर्वार्ध में आलोचना पाठ पढ़ना, मध्यभाग में मन्त्र का जाप करना और अन्तिम भाग में सहस्र नाम का स्मरण करना चाहिए | यह विधि विशेष रूप से ग्राह्य है, सामान्य विधि सभी व्रतों में समान की जाती है ।
SR No.090544
Book TitleVrat Katha kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj
PublisherDigambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages808
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Ritual_text, Ritual, & Story
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy