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________________ पौष पूर्णिमा माघ वदी " " सुदी >> फाल्गुन वदी फाल्गुन सुदी फाल्गुन सुदी चैत्र वदी श्रावण वदी श्रावण सुदी 11 " भादों वदी भादों वदी उपवास उपवास उपवास बेला- दो दिन का उपवास " भादों सुदी ४ १४ ७-६ १० उपवास ५-६ बेला-दो दिन का उपवास उपवास उपवास वेला - दो १४ ३ १५ व्रत कथा कोष उपवास तेला- तीन ज्येष्ठ सुदी 17 " " श्राषाढ़ वदी "" "" " 19 १ ११ १-२ दिन का उपवास उपवास उपवास उपवास २ उपवास ६-७ बेला- दो दिन का उपवास १२ ५६.७ दिन का उपवास इस प्रकार कुल ४८ उपवास, ४ तेला और ६ बेला किये जाते हैं । अतएव ४८+१२+१२=७२ उपवास होते हैं । व्रत के दिन गृहारम्भ त्याग कर धर्मध्यानपूर्वक समय को बिताया जाता है । शेष प्रकाम्य व्रतों का निर्णय पहले किया जा चुका है । उत्तम फलदायक व्रतों का निर्देश " " " सुदी " " श्रावण वदी "1 " " " भादों सुदी " " 19 ८ उपवास १० उपवास १५ उपवास १० उपवास १३-१४-३० तेला-तीन दिन का उपवास उपवास उपवास उपवास उपवास उपवास ८ उपवास ह उपवास तेला ११-१२-१३ तीन दिन का उपवास उपवास १५ ८ १० १५ ४ २२३ ६ प्रथोत्तमार्थानि रत्नत्रयषोडशका र रणाष्टान्हिकदशलाक्षणिक पञ्चकल्याणक महापचकल्याणक सिंहनिष्क्रीडितश्रुतज्ञानसूत्र जिनेन्द्र माहात्म्य त्रिलोकसारघाति
SR No.090544
Book TitleVrat Katha kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj
PublisherDigambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages808
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Ritual_text, Ritual, & Story
File Size21 MB
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