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________________ व्रत कथा कोष [ १७६ कार्तिक शुक्ला ३ के दिन एकाशन करे, ४ के दिन उपवास करे । चार दम्पतियों को भोजन करावें । मंत्र :-ॐ ह्रीं अहं प्रमुढदृष्टि सम्यग्दर्शनांगाय नमः स्वाहा । कथा राजा श्रेणिक और रानी चेलना की कथा पढ़। अनन्तमिथ्यात्वनिवारण व्रत कथा व्रत विधि :-पहले के समान करे । अन्तर सिर्फ इतना है कि वैशाख कृष्ण १ के दिन एकाशन करे । २ के दिन उपवास, पूजा, आराधना व मन्त्र जाप आदि करे । कथा राजा श्रेणिक घ रानी चेलना की कथा पढे । आहारपर्याप्तिनिवारण व्रत कथा व्रत विधि :-पहले के समान करे । अन्तर सिर्फ इतना है कि वैशाख कृष्ण २ के दिन एकाशन करे। ३ के दिन उपवास, पूजा, आराधना व मंत्र जाप आदि करे। कथा राजा श्रेणिक व रानी चेलना की कथा पढ़। अरतिकर्मनिवारण व्रत कथा विधि :-पहले के समान सब विधि करे। अन्तर सिर्फ इतना है कि चैत्र कृष्ण ६ के दिन एकाशन करे, ७ के दिन उपवास करे, कुथुनाथ तीर्थ कर की पूजा, मन्त्र जाप करे। कथा राजा श्रोणिक व रानी चेलना की कथा पढ़।
SR No.090544
Book TitleVrat Katha kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj
PublisherDigambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages808
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Ritual_text, Ritual, & Story
File Size21 MB
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