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________________ ८] व्रत कथा कोष साबधनि, निरवधिनि, दैवसिकानि, नैशिकानि, मातावधिकानि, वात्सरकानि, काम्यानि, प्रकाम्यानि, उत्तमार्थानि इति नवधा भवन्ति । निरवधिव्रतानि कवेल चान्द्रायरणतपोऽञ्जलिजिनमुखावलोकन मुक्तावलीद्विकावलये कक बलवृद्धघहार व्रतानि । श्रामावस्यायाः प्रोषधं पुनः शुक्लपक्षे तु तन्न्यूनतप एक कवलं यावत् एष निरवधि कवलचान्द्रायणाख्यं व्रतं भवति, न तिथ्यादिको विधिर्भवति । अर्थ - व्रत कितने प्रकार के होते हैं ? प्राचार्य इस प्रश्न का उत्तर देते हैं कि व्रतों के नौ भेद हैं- सावधि, निरवधि, देवसिक, नैशिक, मासावधि, वर्षावधि, काम्य, अकाम्य और उत्तमार्थ । निरवधि व्रतों में कवलचान्द्रायण, तपोऽञ्जलि, जिनमुखा - वलोकन, मुक्तावली, द्विकावली, एकावली, मेरूपंक्ति श्रादि । श्रमावस्या का प्रोष - धोपवास कर शुक्लपक्ष की प्रतिपदा, द्वितीया आदि तिथियों में एक-एक कवल की वृद्धि करते हुए पूर्णिमा को १५ ग्रास आहार ग्रहण करे । पश्चात् कृष्णपक्ष की प्रतिपदा से एक-एक कवल कम करते हुए चतुर्दशी को एक ग्रास आहार ग्रहण करे । अमावस्या को पारणा करे । इसमें तिथि की विधि नहीं की जाती है । एकाध तिथि के घटने-बढ़ने पर दिनसंख्या की अवधि का इसमें विचार नहीं किया जाता है । विवेचन - जिन व्रतों के आरम्भ और समाप्त करने की तिथि निश्चित रहती है तथा दिनसंख्या भी निर्धारित रहती है, वे व्रत सावधि व्रत कहलाते हैं । दशलक्षण, अष्टान्हिका, रत्नत्रय, षोडशकारण आदि व्रत सावधि व्रत माने जाते हैं । क्योंकि इन व्रतों के प्रारम्भ और अन्त की तिथियां निश्चित हैं तथा दिनसंख्या भी निर्धारित रहती हैं किन्तु प्रारम्भ और समाप्ति की तिथि निश्चित नहीं है, वे व्रत निरवधिवत कहलाते हैं । जिन व्रतों के कृत्यों का महत्त्व दिन के लिए है, वे देवसिक व्रत कहलाते हैं, जैसे पुष्पांजलि, रत्नत्रय, अष्टान्हिका, अक्षय तृतीया, रोहिणी श्रादि । जिन व्रतों का महत्व रात्रि की क्रियाओं और विधानों के सम्बन्ध के साथ रहता है, वे व्रत नैशिकव्रत कहलाते हैं । चन्दनषष्ठि, श्राकाशपञ्चमी आदि व्रत शिक माने गये हैं । महिनों की अवधि रखकर जो व्रत सम्पन्न किए जाते हैं, वे मासाafra व्रत कहलाते हैं । संवत्सर पर्यन्त जो व्रत किये जाते हैं, वे काम्य तथा बिना
SR No.090544
Book TitleVrat Katha kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj
PublisherDigambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages808
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Ritual_text, Ritual, & Story
File Size21 MB
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