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सम्पादक प्रो० सागरमल जैन
प्रागम संस्थान प्रथमाला : १२
वीरत्थओपइण्णयं
( वीरस्तव-प्रकीर्णक) ( मुनि पुष्यविजय द्वारा संपादित मूलपाठ )
अनुवादक डॉ० सुभाष कोठारी
प्रभारी एवं शोध अधिकारी आगम, अहिंसा-समता एवं प्राकृत संस्थान
उदयपुर ( राज)
भूमिका प्रो. सागरमल जैन डॉ. सुभाष कोठारी
आगम अहिंसा - समता एवं प्राकृत संस्थान
उदयपुर