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________________ २९९ विमल ज्ञान प्रबोधिनी टीका भावार्थ-देवों के इन्द्र, असुरों के इन्द्र, मनुष्यों के इन्द्र, धरणेन्द्र रूप १०० इन्द्रों से जिनकी अर्चा वन्दना सम्यक् प्रकार की गई है, जो पाप प्रणाशक है, भव्य मनहारी है, उत्तमोत्तम मंगलवस्तुओं से अलंकृत हैं ऐसे तीन लोक में स्थित सर्व जिनालयों के लिये मेरा नमस्कार हो। अञ्चलिका इच्छामि भंते ! चेइय- भत्ति-काठस्सग्गो को तस्सालोचेउं । अहलोयतिरियलोय-अलोयम्मि, किट्टिमाकिट्टिमाणि जाणि जिणचेइयाणि ताणि सव्वाणि तीसु वि लोएसु भवणवासिय-वाणवितर-जोइसिय-कप्पवासियत्ति घउविहा देवा वहिवारा हितगणाण, शिणगंग, निम्ग अक्खेण, दिव्वेण पुप्फेण, दिव्येण चुण्णेण, दिव्येण दीवेण, दिवेण धूवेण, दिव्वेण वासेण, णिच्चकालं अंचंति, पुज्जति, वंदति, णमंसंति अहमवि इह संतो तत्य संताई सया णिच्चकालं अच्चेमि, पुज्जेमि, बंदामि, णमस्सामि, दुक्खक्खओ, कम्मक्खओ, बोहिलाहो, सुगइ-गमणं, समाहि-मरणं, जिण-गुण-सम्पत्ति होउ-मज्झं।। ___ अर्थ ( भंते ! ) हे भगवन् ! मैंने ( चेइयभत्ति काउस्सगो कओ ) चैत्यभक्ति संबंधी कायोत्सर्ग किया ( तस्सालोचेउं ) उस सम्बन्धी आलोचना करने की ( इच्छामि ) मैं इच्छा करता हूँ। ( अहलोय-तिरियलोय-उडलोयम्मि) अधोलोक, मध्यलोक व ऊर्ध्व लोक में ( जाणि ) जितने ( किट्टिमाकिट्टिमाणि ) कृत्रिम-अकृत्रिम ( जिण चेइयाणि ) जिन चैत्यालय हैं ( ताणि सव्वाणि ) उन सबकी ( तीसु वि लोएसु ) तीनों लोकों में रहने वाले ( भवणवासियवाणवितर-जोइसिय-कप्पवासियत्ति ) भवनवासी, वानव्यन्तर, ज्योतिषी, कल्पवासी इस प्रकार ( चउविहा देवा सपरिवारा ) चार प्रकार के देव अपने परिवार के साथ ( दिव्वेण पहाणेण, दिव्वेण गंधेण, दिव्वेण अक्रोण, दिव्वेण पुफ्फेण, दिव्येण चुण्णेण, दिब्वेण दीवेण, दिव्वेण धूवेण, दिव्वेण वासेण ) दिव्य जल, दिव्य गंध, दिव्य अक्षत, दिव्य पुष्प, दिव्य नैवेद्य, दिव्य दीप, दिव्य धूप, दिव्य फलों से ( णिच्चकालं ) सदा काल ( अचंति, पूज्जति, वंदंति, णमस्संति ) अर्चा करते हैं, पूजा करते हैं, वन्दना करते हैं, नमस्कार करते हैं ( अहमवि ) मैं भी ( इह संतो) यहाँ ही रहकर ( तत्थ संताई ) उन समस्त चैत्यालयों की ( णिच्चकालं ) सदाकाल ( अच्चेमि,
SR No.090537
Book TitleVimal Bhakti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSyadvatvati Mata
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year
Total Pages444
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Devotion
File Size8 MB
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