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S5I050510THISIS5 विद्यानुशासन HASTR50505101510 अयोमल (बकरी की भींगनी) जंघा (काकजंघा) कुंकम (अर्जुन वृक्ष) के पुष्पों को पीसकर पके बालों पर लेप करने से भौरें को भ्रम होता है।
आभमास्थि पद्मनि पंक लोह चूर्णं स्त्रिाभिः समः,
पलितानिं सकलेपादाहूयं ते मधुवतान 1॥८५॥ आम की गुठली पनि पंक (कमल की पराग) और लोहे का चूर्ण इन तीनों को बराबर लेकर एक बार बालों पर लेप करने से भौरों को आह्वाहन करते हैं।
आद्यासासन साराम्यां पिष्टै हँ पो दिनोषिते:,
धात्री भंगं तिलाआयोभिः पालितान्या श्रुरंजयेत् ॥८६॥ आयासासन (लोहसार) और आसन (जीरे के सार) को पीस कर लेप करने से तथा आँवला (धात्री: और भांगरा तिल और अगर लेप के पके बाल शीघ्र ही रंग जाते हैं।
वरालोद्र नृपाआयोभिः रवारी पिष्टै विलेपनात,
तापिच्छ सच्छ वीन केशान कुर्यादपि शतायुषः ॥८७, बरा (पाठ) लोध नृप (ऋषभक) अचो (अगर) और खारी को पीस कर लेप करने से सौ बरस की आयु वाले के बाल भी मोर की पूँछ के समान सुंदर हो जाते हैं।
वराय चूर्ण राष्टिना भंग वारिणा, तन्वंति भ्रमर भ्रांति पलितानि विलेपनात्
॥८८॥ यरा (त्रिफला) का चूर्ण और यष्टि (मुलेठी) और भुंग (भांगरा) के रस के साथ लेप करने से पके हुए केश भौरे का भम करते हैं।
आटास भाजन निहितं शुष्कजपा कसम रेणुसभिन्नं , कुरुते तैलं लेपात् पलिते ष्विंदी वरा शंकां
॥८९॥ लोहे के बरतन में रखे हुए सूखे हुए जपाकुसुम (गुडहल) के फूलों का रेणु सं भिन्न) जो मिट्टी रहित हो उससे तेल सिद्ध करके पके बालों पर लेप करने से नील कमल का भ्रम करते हैं।
मज्जाविल्वस्य पक्वस्टा संजलेन गुडेनवा, केशाः प्रक्षालिता यांति जटा बंध विमोक्षणं
॥९ ॥ पके हुए बिल्वफल के गुदे और जल अथवा गुड से बालों को धोने से बालों का जटावध (जूडा) छूट जाता है। 950151065TOASDDDDESI९८२ P2519552510151015015TOS