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SSIOESDASCISIOSIOS विद्यानुशासन 25TOSRIDIO15121525 मारण आदि अशुभ कार्यों में क्रोध सहित होकर अशुभ द्रव्यों से होम करें। और शांति आदि शुभ कार्यों में उत्तम द्रव्यों से प्रसन्न चित्त होकर होम करे।
मारणोच्चाट विद्वेषः स्तंभनान्य शुभानिःच
क्षुद्राणि च वदंत्याश शुभान्यन्यानि कर्म सुः । ॥४०॥ मारण उच्चाटन विद्वेषण और स्तंभन कर्मो के अशुभ और क्षुद्र कर्म कहा जाता है। तथा कर्मों को शुभ कर्म कहा है।
इति होम विधिः प्रोक्त: सकर्तव्यो मनीषिभिः इसप्रकार यह ऊपर कही हुई होम की विधि मनीषि( इच्छुक ) पुरूषों को करनी चाहिये।
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राक्षस
विश्वेश्वराय
राहु
कुबेर धरणेन्द्र
नभृत
माराय
वरुण
सूर्य
महाविद्याय
सोम
अग्नि
यम
वैरोचन
मंगल
असुर
वमराय
विश्वमालिगे
पित
सुकुमार