SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 950
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ CASIOX51065T015IDIST015 विधानुशासन SXSAXSRISTRISTOTRIOSI संरक्षणी आकर्षणी ॐ हूँ हूँ फट् योगिनी ॐ अमृत घरे डाकिनी गर्भ| संरक्षणी आकर्षणी ॐ हूँ हूँ फट् । देवदत्तं रक्ष रक्ष स्वाहा अमृत घरे डाकिनी गर्भ आकर्षणी ॐ हूँ यागिनी देवदत्तं रक्ष रक्ष स्वाहा * अमृत घरे डाकिनी गर्भ संरक्षणी फट् योगिनी देवदत्त रक्ष रक्ष स्वाहा ॐ ॐ रुरु बले हा ही रवले हा ही हूँ ही ह घर भर विशुद्धे हूँ हूँ योगिनी |देवदत्तं रक्ष रक स्वाहा । | ॐक्ष योगिनी । देवदत्तं रक्ष रक्ष स्वाहा । देवदत्त रक्ष रक्ष स्वाहा । त्रिशुद्धे ॐ हूँ हूँ योगिनी । अमृत घरे घर घर ॐ अमृत घरे धर धर विशुद्धे अमृत घो * रु रु वल हां हा हूँ हाँ ह. पाश्मी ट्यूहमा मःसर्व नाम IMIMIN या क्ष्मी मूं श्मौ क्ष्मः सधं योगिनी औ हूँ हों ह क्ष्यां क्ष्मी क्ष्म मों म. सर्व योगिनी ए रं रं रं रं रं २ र रं रं योगिनी दवदत्तं रक्ष रक्ष स्वागत M आ वदत्त रक्ष रक्ष स्वादा। देवदत्तं र क 13 | ॐ यज घरे बंध र बजगाशेन योगिनी देवदत्त रक्ष रक्ष स्वाहा ॐ वज धरे बंध २ वज योगिनी देवदत्तं रक्ष रक्ष स्वाहा * बज धरे बंध २ वर्ज सर्व दुष्ट विन्ध विनाशकानां ॐ दवदच रक्ष रक्ष स्वाहा सर्व दुष्ट विन्ध विनाशकाना हूँ शू पाशेन योगिनी SASRISTRISTOTRICISIO5251९४४ PET95015015123051205
SR No.090535
Book TitleVidyanushasan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMatisagar
PublisherDigambar Jain Divyadhwani Prakashan
Publication Year
Total Pages1108
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy