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POSIOSDISTRISTRISIS विद्यानुशासन 35015XDIST91505251
नव वस्त्रा वृत कंठान मलयज कुसुमाचि तान् मलान्,
स हिरण्यमयं निधाय वर वीजपुर मुरथान् ॥१४८ ॥ नवीन वस्त्रों से ढके हुए चंदन और पुष्प आदि से पूजा किये हुए निर्मल जल से भरे हुए सोने (हिरण्य) के बने हुए मुख पर विजोरे (बीजपुर) फल वाले कलशों को रखकर।
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