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CASICISEASOISTOSTOT5 विद्यानुशासन PASISTERISTRISTRISPES उनक (कंठान) महू पर नया वस्त्र लिपटे हुए काले से युक्त तथा मुख पर बिजौरे के फल से ढ़के हुए घड़ों को स्थापित करे।
मुद्रादी राभरण विभूषितः श्वेत वस्त्र परिधानः, आसीत सोत्तरीय स्तस्योपरि पाद दत्तस्था
॥१३०॥
करागर कुंकुम चंदन गोरोचनादि श्रुम तंत्रैः,
स्वर्ण नव रत्न युक्तै: पिष्टै क्षीरेण कपिलाया |१३१॥ मुद्रा आदि आभरणों से सजकर सफेद वस्त्र धारण किये हुए (उत्तरी) चादर आदि औढ़े हुए उसके ऊपर रखकर बैठ जावे। फिर कपूर अगर कुंकुम चंदन गोरोचन आदि उत्तम तंत्रों को स्वर्ण और नवरत्नों युक्त कपिला गाय के दूध में पीस कर
सौवणं पात्र निहितःशलाकया कनक रचितया पेतैः भूर्ज साध्य स्टस वर्णे: रांनं मृत्यु जयं चिलिरवेत
॥१३२॥
भूर्जे निचितः स्वेतैः सविंदुभि ब्राह्मणो मत स्तझैः
रक्त भूपः पीते वैश्यः कृष्णः स्मृतः शुद्धः ॥१३३॥ सोने के बर्तन में रखकर सोने की कलम (शलाका) से भोजपत्र के ऊपर साध्य के अपने अक्षरों में मृत्युंजय यंत्र को लिखे। यदि भोजपत्र पर सफेद बिन्दुओं से व्याप्त हो जावे तो ब्राह्मण लाल से क्षत्रिय पीले से वैश्य काले बिन्दुओं से व्याप्त हो तो शुद्र जानना चाहिए।
___ मृत्युंजय मंत्र अद्युत हकार कूट सकल स्वर वेष्टितं, सत्प्रणवं भूमंडल वेष्टितं समाभिलिरव्य निजेप्सितं नाम तद्वहि:।। षोडश सत्कलान्वित वकारं वृतं शशि मंडलावृतं,
स्वर युक्तंमातं वेष्ट्रा मिन बिबं वृत्त स्वर युक्त या वृतं ।।१३३ ।। असहित हः कूट(क्ष) को सब स्वरों से वेष्टित करके उसके बाहर प्रणव (ॐ) से फिर उसको पृथ्वी मंडल से वेष्टित करे उसके बाहर अपने इच्छा किये हुए नाम को लिखकर फिर उसके बाहर चारों तरफ सोलह कलाओं (स्वरों) से युक्त व को लिखे फिर चंद्र मंडल बनावे फिर उसको स्वर युक्त यान्त (र) लिखकर फिर चन्द्रमंडल बनाये फिर उसको स्वरयुक्त य से वेष्टित करें। DISTORICISIONSIRISEXSIDE९२९ PSISTERISTRISTOTHRISTOT5