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________________ STORTOISTRISTISIT5 विधानुशासन 950152STROPERTS हिन्दी टीकाःएक मंडल बनाकर उसके बीच में देवदत्त अर्थात् अपना नाम लिखकर बाहर ग्लौं। लिखें इसके बाहर पृथ्वी मंडल बनावे इनको वं पं ग्लों से वेष्टित करे इनके बाहर अपने नाम सहित ह्रींकार चार वलय वाला बनावे। इसके बाहर ॐ उच्चिष्ट स्वछंद चांडालिनी स्वाहा मंत्र का वेष्टन करे इसके बाद दो बार 7 अक्षर का वेष्टन करे। इसके बाहर पृथ्वी मंडल बनावे तथा उपरोक्त मंत्र से वेष्टित मंत्र से वेष्टित करें। यह यंत्र कुंकम हल्दी हरताल आदि पीले द्रव्यों से विधिपूर्वक भोजपत्र पर लिखे।उस यंत्र को कुम्हार के हाथ की मिट्टी से लपेटे और जल से भरे हुए नये घड़ में यंत्र रखकर उसके ऊपर पार्श्वनाथजी भगवान को दिर:जमान करने की पता को यह दिव्य अग्नि को स्तंभन करने वाला यंत्र विष्ट स्वाहा मी रिक 21 ......... AJHA R OSTS5ICISTRASTRISTRI505८८९P/5TOISTRISTSISTRISTOISSIS
SR No.090535
Book TitleVidyanushasan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMatisagar
PublisherDigambar Jain Divyadhwani Prakashan
Publication Year
Total Pages1108
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size24 MB
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