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STSIDIEODRISPIRIP विधानुशासन 1STOISTORICIST05505 कौवे और उल्लू के पंखो की अच्छी तरह दी हुई धूप जिप्स पुरुष के शरीर को छू देती है उससे सब पुरुष द्वेष करते हैं।
खरेण रेणून सं स्पृष्टान् मध्यान्हे लुठता क्षिपेत्,
युधाय वाम हस्तात्तान विद्वषि जन वेश्मान ||२९|| दोपहर में लोटे हुए गधे की धूल को बांये हाथ से उठाकर जिसके घर में डाल देवे उससे सब द्वेष करते हैं।
द्विक द्विकारों: शिरसी निरवाते द्विष गह द्वार महा प्रदेश,
तुरंग रक्त महिषे क्षणायोः खुरो वातद्वेष मंगाना कलहं विद्यते॥३०॥ दुगुना कार्य करने के वास्ते सिर पर डाली हुई तथा शत्रु के घर के द्वार के भाग मे डाले हुए घोडे केरक्त य खुर और भैंस के खुर इस घर में रहने वालों में लड़ाई करा देते हैं।
इति विद्वेषण विधानो नामाष्टादश
समुदेश
है
देवदास