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4501501505DISTRICT विधानुशासन 950505505051955
नाम
नाम समेत सभेदं टातेना वेष्ट्रा षोडश कलाभिः, लांतं भतया तं च प्रवेष्टोत् व्योम बीजेन
॥ २०॥
तत्वाट केन वेष्टा तस्य वाहिश्चंद्र मंडलं विलिरटोत्, एतन् मलयज लिप्तं यंत्र पूर्ण राटे स्थाप्यं
॥२१॥
शीतं ज्वरं निहन्यात् शीते घारिणि विधाय कृत पूज्यं,
एतद् यंत्रं शीते वारिण युष्णा ज्वरं हरति ॥२२॥ नाम सहित रोग के भेद को टांत (ठ) से येष्टित करके फिर सोलह कलाओं (स्वरों) से वेष्टित करे फिर उसको क्रम से लांत (व) और भक्तया (ॐ) से घेर दे तथा आकाश बीज (ह) से वेष्टित करे फिर आठों तत्वों द्रां द्रीं क्लीं ब्लूं सः आंक्षा क्रों से नाम को येष्टित करके उसके बाहर चंद्र मंडल लिखे। इस यंत्र को चंदन से लपेटकर जल से भरे हुए घड़े में स्थापित कर देवे । इस यंत्र को गरम जाल में रख कर पूजन करने से यह शीतल ज्वर को नष्ट करता है तथा इसको शीतल जल में रखने से उष्ण ज्वर को नष्ट करता है। CHOTSCIRCISIODICI5015७३९PI501505CISISTERISTORY