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________________ SSCISIOIDIOSIRTAIRTE विद्यानुशासन DRISTOTRIOTSPECISI विश्व प्रवेशिल्या वतिन्य प्रतिघात गामिनी उत्पाटिनी लघुकरि कामिनी कामरूपिणी ॥२४॥ विपाटनी प्ररोधिनी प्रवर्तनी प्रलापिनी प्रमोहनी प्रभाफणी प्रभावती'प्रभांजणी ॥२५॥ उदक स्तंभिन्यग्नि स्तंभिन्या वेशनी वशीकरणी प्रस्थापनी प्रहारिणी संग्रहाणी प्रहरणी च ॥२६॥ कुंभांडी खड्वागीं शबरी विक्षेपणी विरल वेगा वेगावती रण वीर्या वेषा संत्रासि कार्याची ॥२७॥ १५ विश्व प्रवेशनी १६ आयर्तनी-१७ अप्रति घात गामिनी- १८उत्पादिनी- १९ लघुकारि - २० कामिनी- २१ काम रूपिणी- २२ विपाटिनी- २३ प्ररोधिनी २४ प्रवर्तनी २५ प्रलापिनी- २६ . प्रमोहिनी-२७प्रभाफणी-२८ प्रभावती-२९ प्रभेजनी- ३० उदक स्तंभिनी-३१ अग्नि स्तंभिनी-३२ आयेशिनी- ३३ वशीकारणी ३४ प्रस्थापिनी ३५ प्रहारिनी-३६ संग्रहनी- ३७ प्रहरणावणी ३८ कुभांडी ३९पड्यांशी शबरी-४० विक्षेपणी-४१ विरलयेगा -४२ वेगवती -४३ रणवीर्या- ४४ वेषा४५ संत्रासि-४६ कार्याची तामसीका -सूर्य प्रभा सूर्यपातिनी चंद्र पातिनी च आकास पातिनी पुनः राहु वुधका जल पातिनी॥ मनोजानधरा चैव तामसा स्वधरा पुनः जलस्थाना नदीधारा चक्रधारा तपत्रिणी ॥२९॥ उदयानंद का हंसी सूर्य कांति मणिधरा इंद्रनील मणिधरा महास्फटिकभासिनी ॥३०॥ चामरी पांडुरा पत्री भद्राकात्यायनी महा प्रेयसी महिला गौरी नायकी रंजनातरी ॥३१॥ ४७ तामसिका- ४८ सूर्यप्रभा-४९ सूर्य पातिनी ५० चन्द्रपातिनी-५१ आकाशपातिनी-५२ राहुयुध जलपातनी ५३मनोजा-५४ अरूधरा तामस ५५ अस्त्रधरा-५६ जल स्थाना नदीधारा-५७ चक्रधारा ५८ तप राणी ५९ उदयानंद का ६० हंसी सूर्य कांति मणीधरा ६१ इन्द्रनील मणिधरा ६२ महास्फटिक भासिनी ६३ चामरी पाडुरा ६४ पत्री भद्रा ६५कात्यायनी ६६ महाप्रेयसी ६७ महिला गौरी-जायकी-६८रंजना तरी SSIOISTORTOISTRI52500 ६७ P5050505RISIODESI
SR No.090535
Book TitleVidyanushasan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMatisagar
PublisherDigambar Jain Divyadhwani Prakashan
Publication Year
Total Pages1108
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size24 MB
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