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CRICTSIDISTRISISTEITE विद्यानुशासन P51015EISTRICISCESS
ॐक्ष्म्ल्यू ज्वालामालिनी हीं क्लीं ब्लू ट्रां द्रीं क्षांक्षी तूं क्षौं क्षः हाः दुष्ट ग्रहां स्तंभय स्तंभय ठः ठः हां आं कोंक्षी ज्वालामालिन्याज्ञापयति हुं फट् घे घे ॥
श्रृंखला मुद्रा स्तंभन मंत्र: यह ग्रहों का स्तंभन मन्त्र हैं। इसमें श्रृंखला मुद्रा होती है।
ॐ शुन्यपिंड पंच स्वर युक्तं ह पंचकं च स निरोध, स्तोभन मंत्रः सर्वग्रहान्था आकर्षा द्वयं संवौषट्
॥५५॥
ॐ मयू ज्वालामालिनी ह्रीं क्लीं ब्लू द्रांनी सांहीं हः सर्वदुष्ट ग्रहान स्तौभया आकर्षय आकर्षय हां आं
क्रों क्षी ज्वालामालिन्या ज्ञापयति संवोषट् यह स्तोभनं मंत्र शिखि मुद्रा में जपे।
भक्ति भपिंडौ भ्रां भ्रीं भं भ्रौं भ्रः सन्निरोध सहितानि दुष्ट ग्रहमथ ताडय हुं फट येथे
॥५७॥ ताडन मंत्र ॐल्य ज्वालामालिनी ह्रीं क्लीं ब्लूंद्रां द्रीं भ्रां भी भौं भ्रःहाः,दुष्ट ग्रहान ताडय ताइय हां आं क्रों क्षीं ज्वालामालिन्या ज्ञापयति हुं फट घे घे ॥
ताडय मंत्र गदा मुद्रा विनयादिमपिंडो मां मी म मौं म: स्तथैव सं निरोध: हुं फट हो हो, सर्वेषां ग्रह नामां वजमा शूच्या अक्षिणी द्वि स्फोटटान् दर्शटा द्विस्तथैव हुं फट ये हो अक्षि स्फोटन मंत्री मुद्राप्यस्याक्षि भंजनि नाम्रा
॥५८ ।
ॐ म्म्ल्वा ज्वालामालिनी ह्रीं क्लीं ब्लू दा द्रीं मां नी , नौं नः हाः दुष्ट ग्रहान हुं फट सर्वेषा दुष्ट ग्रहाणां वजमय शूच्या अक्षीणी स्फोटयन दर्शय-दर्शय हां आंक्रौं
ती ज्वालामालिन्याज्ञापयति हुं फट ये घे॥ CRIODESIRIDDISTRISTOR५७० PISODIOSRISPECIPES