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5183501521STRISI25 विधानुशासन P500501501525TORY
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मणिप्रहावरोष
तरणाय राहर
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को जागर
अथ: माला मंत्र ॐ नमो माणि भद्राय जिन शासन वत्सलाय भव्य जन हितंकराय दुष्ट जन प्रमर्दनाय हिलि हिलि किलि-कि लि चालय-चालय जल गंधाक्षत पुष्पै नैवेद्य दीप धूप फलं गन्ह-गन्ह मुंच-मुंच भयंकर रूपेण धुन-धुन आं क्रों ही अजपाल देव पराज्ञया नाग पाशेन बंधद्य-बंधा हाल्टयूं हां ह्रीं हूं हौं हः सर्व ग्रहाना कर्षटा-कर्षय स्तोभय-स्तोभद्य मारय्-मारय हूं फट स्वाहा ॥
SISTRISTOISSISTRIS015251५६२ PASSISTRISTRISISTERIEDS