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959595969 Poe *
विद्यानुशासन 9595959595
लं इन्द्र बीज है धनधान्य संपत्ति का कर्ता है वं वरूण बीज है विष मृत्यु नाशन हैः शं लक्ष्मी बीज है इसको एक लाख जपने से लक्ष्मी मिलती है। षं सूर्यबीज है यह धर्म अर्थ काम और मोक्ष को भी देता है। सं बागीश बीज है ज्ञान करता है और वाणी सिद्ध करता है। हं शिव बीज है इसको दस हजार जपने से कार्य सिद्ध होता है।
लंभू बीजं भूलाभं क्षं सिंह बीजं दश सहस्र जपात्मृत्यु नाशनं एतानि अक्षरानि पृथक-पृथक साध्यं ह्रीं कार मध्ये आकारमादिं कृत्वा क्षकर पर्यंतं लिखित्वा अक्षरमणिं स्थापयित्वा जपेत् क्रियमाणे सर्वकार्य सिद्धि र्भवति ॥ लं भू बीज है भू लाभ कराने वाला है । दक्षं नृसिंह बीज है । इसको दसहजार जपने से मृत्यु का नाश करता है । इन अक्षरों को सिद्धि पृथक पृथक की जाती है । ह्रींकार के बीच में अकार आदि में लेकर कार तक अक्षरों की मणि माला की स्थापना करके जप करने से सब कार्यों की सिद्धि होती है।
॥ पंचम वर्ग ॥ अथ बांज कोश:
तेजो भक्तिः विनयः प्रणव ब्रह्म प्रदीप यामाश्च वेदो
अब्ज दहन ध्रुव मादि धुंभि रोमिति ख्यातः
॥ १ ॥
तेज भक्ति विनय प्रणव ब्रह्म प्रदीप वामा वेद अब्ज दहन ध्रुव आदि और छुः ईं के नाम हैं ।
माया तत्वं शक्ति लॉकेशो ह्रीं त्रिमूर्ति बीजैशौ कूटाक्षरं क्षकार मलवरयूंपिंड मष्ट मूर्तिवा
माया, तत्व, शक्ति, लोकेश त्रिमूर्ति (त्रयमधर) बीजेश ह्रीं के नाम है । क्ष कूट मत्वर्यू पिंट अष्ट मूर्ति है ।
बाणा: पंच द्रां द्रीं क्लीं ब्लूं सः इति ठ वर्ण मरिवलेन्दुः सकलचन्द्र बीज संज्ञा ठः वर्णाः वीं क्ष्वीं हंसः सुरभि मुद्रोक्षर मथवा वागभवैश्चैवः
॥ २ ॥
॥ ३ ॥
द्रां द्रीं क्लीं ब्लूं सः काम के पांच बाण है-ठ अखिलेन्दु पूर्ण चन्द्र इवीं देवीं हंस सुरभि मुद्रा अक्षर और वाग्भव
बीज है।
क्षिप उ स्वाहा बीज क्षिति जल दहना निलांबरं क्रमशः खगपति पंचाक्षर मिति आपाशं तक्षशां चस्यात्
959595959PPA ३७ PSP5951 P/50/505
॥ ४ ॥