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STORISTOTSTORTOISI25 विधानुशासन DISCI501510051SISISE ॐब्ल्यू ह जट विजये अजिते अपराजिते उम्ल्यू जंभे भल्व्यू मोहे म्ल्यू स्तंभिनी अमुकं उच्चाटय उच्चाटद्य फट । ॐधल्व्यु हं जये विजये अजिते अपराजिते ज्म्ल्यूँ जंभे म्ल्यूँ मोहे म्म्ल् स्तंभे हल्ल्यूस्तीभनी मम अमुककारि कुलौ उच्चाटं कुरू कुरू आं ह्रीं क्रों हं दम्ल्यू ॐ फट फट
फऽक्षरं नमः स्थाने शमशान स्थित कपट निंबार्क जरसेन तदिलिखेत काट चेतसा शमशाने निक्षिपेत यंत्रं
यावत्त वितिष्ठति परिभ्राम्यत्य सौ तावद्वेरी काक इव क्षितौ ॥ फट अक्षर को पहिसे के लिखे हुए छहकार के स्थान में श्मशान से लिए कपड़े पर नीम और आकड़े के रस से इस फट अक्षर वाले यंत्र को यदि क्रोधित भाव से लिखा जावे और श्मशान में गाड़ कर रख दिया जाये तो इससे शत्रु पृथ्वी में आकाश में कौवे के समान तब तक घूमता रहता है। तब तक यह यंत्र श्मशान की पृथ्वी में रहेगा।
ॐक्ष्म्ल्यूँ फट जय विजये अजिते अपराजिते जम्ल्यू जंभे म्ल्यू मोहे म्ल्यू स्तंभे हल्दयूँ स्तंभिनी अमुकं मम शत्रु मुच्चाटय मुच्चाटय आं ह्रीं क्रौं फट पल्यूँ ॐ फट् ॥
Reestable
190 pra
IRI
Potat
अजिते
जये
मोहे
जंभे
विजये
स्वाहा