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SCISCIRCISCSC विधानुशासन HEIDISTRICISCISIONSI एतयंत्रं श्मशान कपट विष काक पंखे से लिखकर धूकारि विष्टा से लिखकर बहेडा वृक्षा पर बांधने से उद्घाटन होता है।
ॐवच्यू य:जये विजये अजिते अपराजिते ज्म्ल्यू जंभेच्यू मोहे मल्व्यस्तंभे छन्थ्यू स्तंभिनी अमुकंमम शत्रु मुच्चाटय मुच्चाटय आं ह्रीं क्रौं यःक्षल्यू ॐफट फट।
श्रृंगी गरल रक्ताभ्यां न कपाल पुटे लियेत् प्रेतास्थि जात लेविन्यायः स्थाने च नत्मोक्षरं स्मशाने निक्षिपं द्रोषात् कत्वा तद्भरम पूरितं
करोति तत्कुलो च्चाटे वेरिणांत्सप्तराप्रितः ॥ उपरोक्त यंत्र में यः के स्थान पर ह बीज श्रृंगी विष और गधे के रक्त से मृतक की हड्डी की कलम से मनुष्य के कपाल पर लिखकर क्रोधपूर्वक भरम से भरकर श्मशान में रखने से यह यंत्र सात दिन में शत्रू के कुल उद्याटन करता है।
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