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eeeeps &&zwgfeeටටටටක් इऊ वर्ण स्त्रिलिंग हे ऋऋ ल ल मुजाण न म पद ए ऐ उ ऊ यह विकल्प से स्त्रिलिंग है जय और म विकल्प से नपुसंक अक्षर कहे जाते गये हैं। शेष अक्षर पुल्लिंग है।
गण नाम इते त्रिधा ता:भ्रम विकल्पेन प्रयोजनमिति इस प्रकार अक्षरों के तीन प्रकार के गण कहे नाम का विकल्प से प्रयोग करना चाहिए। इसप्रकार नपुंसक अक्षर कहे गये हैं।
इषल लऊ रेवं पीताक्षरं = ईष ल ल औ ऊ नपुंसक और पीत अक्षर हैऋऋ ष
ण य द दाक्ष रा संभाविक कच्छं विकल्प स्टाभेदानि । कार्यकारण संबंध स्यान्या सर्याक्षरास्तिल तंदुल मिश्रवत्तिष्टंति ऋऋ ष ण य दक्ष और र कठिन भेद और कार्य कारण संबंधवाले कार्यों को करते हैं। शेष अक्षर मिले हुवे तिल और चावलों के समान रहते हैं।
बुद्धि मनुष्यता मात्रा मंत्र वत् कार्य। मंत्र को जानने वाला मनुष्यता की विशेषता बुद्धि से सब काम ले ।
अकारो आकारस्य प्रतिषेधकाःबिन्दुसर्वसंहिताःशांतिकंपौष्टिकंवश्याकर्षणानि करोति॥ अकार आकार का प्रतिषेधक है अकार बिन्दु सहित होने पर शांतिक पौष्टिक वश्य और आकर्षण कर्मो को करता है। उ ऋ ऋ ए ऐ ओ निर्विष व्यभिचारं करोति अंकारः सर्वोच्चाटनं करोति उ ऊ ऋ ऋ ए ऐ और आं निर्विष कर्म तथा व्यभिवार करते हैं अंकार सब का उच्चाटन करता है।
रखकारो निर्विषं विकल्पेन वश्यं करोति। यकारों वश्यं करोति विकल्पेन/ स्तंभन/ भेदन व्यभिचार कर्माणि करोति। सकार निर्विष कर्म को य विकल्प से वशीकरण करता है।धकार वशीकरण किन्तु विकल्प से स्तंभन भेदन और व्यभिचार कर्म को भी करता है।
चछकार :- शांतिकं पौष्टिकं करोति विकल्पेन भेदनं व्यभिचारं करोति चकार और छकार शांतिक पौष्टिक को करता है और विकल्प से भेदन और व्यभिचार को भी करता है। प्रकर्ण ।।
SSCISIOTSICISESRISTORI ३२ DISTRISCISIODIOSEXSEISS