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959595959595 विधानुशासन 969593915195
में
बदरी (बेट) कदंब ( कदम) के पुष्पों से भुने हुये तिलों के चूर्ण उड़द और नैवेद्य से बड़ की जड़ कुबेर का पूजन करके इस आठ अक्षरी मंत्र का ।
लक्ष त्रितयं प्रजपे जुहुयां चां कॉलजेन तैलेन द्वि सहस्रं सन्निहिताक्षी पृष्टं वदेत्कर्ण
कर्माणि या नियानि प्रेप्सित मंत्री नियोजये देनां तां तेषु तेषु देवीं सा सधस्तानि तानि साधयति ॥५॥ ॐ णमो कर्ण पिशाचिनी वद वद कनक पिशाची वज्र वैडर्य मुक्ता भरण निर्मलालंकृतं शरीरे ऐहि ऐहि आगच्छ आगच्छ त्रैलोक्य दर्शिनी मम कर्णे प्रविश्यातीतां नागत वर्तमानं कथय कथय रूद्राज्ञापयति ठः ठः ॥ तीन लाख जप कर और अंकोल (ढ़ेरा) के तेल से दो हजार होम करे। उस समय यक्षिणी पास आकर कान में कहती है, मंत्री उस समय जिस जिस कार्य की इच्छा से यक्षिणी को कार्य में लगाता है वह देवी तुरन्त ही उन कार्यों को सिद्ध करती है।
मंत्र रूद्रस्य पुरतो जपेत् त्रिलक्षं चतेन जुहुया च मंत्राधि देवतार्थं पृष्टं कर्णे वदेत्सत्यं
॥ ४ ॥
॥ ६ ॥
ॐ शुभे भगवति कर्ण पिशाचिनो सत्यं कथय कथय ठः ठः
पहले इस रूद्र कर्ण पिशाचिनी मंत्र के तीन लाख जप कर होम करें । सिद्ध होने पर इस मंत्र की देवी पूछने पर कान में सत्य सत्य कहती है ।
इति कर्ण पिशाचनि मंत्राणां साधनं
कुष्ट निशो द्वर्तित कर चरणं सुधावऽमुं जपन्मंत्र निश्यांते यामेऽस्या शुभा शुभे प्रेक्षते मंत्री
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कूठ हल्दी से अपने हाथों-पैरों को पोतकर इस मंत्र को जपता हुआ सो जाए रात्रि के अंत के पहर में मंत्री शुभ और
अशुभ
को देखता है।
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