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SHADISIOISSISTRISIS विधानुशासन 51055105CISIONSIDHI
ॐहोकों म्ल्यू राशिधर वर्णे सर्व लक्षण संपूर्ण स्वायुधवाहन समेते सपरिवारे माहेश्वरी ऐहि ऐहि संदोषट आह्वानन मंत्र ॐ हीं कों म्म्ल्यूँ राशि धर वर्णे सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन समेते सपरिवारे माहेश्वरी तिष्ट तिष्ट ठः ठः स्थापनं ॐ ह्रींकों राशिधर वर्णे सर्वलक्षणसंपूर्ण स्वायुधवाहनसमेते सपरिवारे माहेश्वरी मम सन्निहिता भव यस समितिका ॐहींकों राशिधर वर्णे सर्वलक्षणसंपूर्ण स्वायुधवाहन समेते सपरिवारे इद मध्य पाचं गन्ह गृह स्वाहा (पूजा मंत्र) ॐहींकोंराशिधर वर्णेसर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुधवाहनसमेते सपरियारे स्वस्थानं गच्छ गच्छ ज ज ज विसर्जनमंत्रः ॐ ह्रीं को म्ल्यूँ प्रवाल वर्णे सर्वलक्षण राशि घर वणे सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन समेते सपरिवारे कौमारी ऐहि ऐहि इत्यादि ज ज ज ॐ हीं सम्ल्यूँ नीलोत्पल वणे सर्व लक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन समेते सपरिवारे वैष्णवी एहि एहि इत्यादि ॐ ह्रीं रम्ल्यू इंद्रनील वर्णे राशि धर वर्णे सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन समेते सपरिवारे वाराही ऐहि ऐहि इत्यादि जः जःजः ॐ हीं इम्ल्यू महामेरुवर्णे राशि धर वर्णे सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन समेते सपरिवारे माहेश्वरी इद्रि ऐहि ऐहि ज ज ज ॐहीं को हल्ल्यू बालार्क राशि घर वणे सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन समेते सपरिवारे वर्णे चामुंडे ऐहि ऐहि ज ज ज ॐ ह्रीं क्लों वाल्व हंस वर्णे राशि घर वणे सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन समेते सपरिवारे महालक्ष्मी ज ज ज
निज पिंड देह वर्णरख्या टोगादि अष्ट भावमापन्ना पंचोपचार मंत्रै मात् संप्राचटों दिभिः
॥१॥ इति अष्ट मातृकाणां पंचोपचार क्रम । अपने देह पिंड के वर्णनाम योग और आठों माताओं सहित पंचोपचार मंत्रों से उन माताओं का पूजन करें।
ज्यालिन्या सन्निधौदेव्या मूलविद्याई मिमा सुधी:
लक्षमेक जपेत् पुष्पै सं: वृतैरण प्रभाः SHRIOTICISIOTSIRSSIRIDIE5 १७४/DISCIRCIDIOISTRATORS
॥१॥