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CERISTOTSIDISAST555 विधानुशासन 51005105ISISCISSIST अर्थ:- अष्टदल कमल की कर्णिका में त्रिमूर्ति ह्रीं लिखकर देवी के शेष अदारों को आठ दलों में लिखे और ह्रीं से वेष्टित करे दें। इस यंत्र को मधुयुक्त बर्तन में रखकर जो इसका पूजन करता है उसके वश में इच्छित स्त्री पुरूष हो जाते हैं।
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रामा वरांग वदने स्मर बीजकं तत्तस्योद्धभाग तल भागगतं त्रिमूर्ति पार्श्व द्वय च पुनरेवल पिंड मेकं ध्यायेत अदभुतं द्रवमुपैति नदी व नारी
॥७॥ अर्थ :- स्त्री के योनि प्रदेश में स्मरबीज क्ली शिर और पैर में ही दोनों करवटों में एवलपिंड में ब्लें का ध्यान करने से स्त्री तुरंत द्रवित हो जाती है।
ब्लें क्लीं ब्लें
ಪಥಗಣಪಥದ ಅಡಚಣಪರಿಣಾಥ