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ज्वालामालिनी विधान
तस्य प्रयोग कालेपंच नमस्कार मंत्र कृत रक्षः दिग्बंधनं विधानं मंत्रण वाम कुष्मांड्या
॥ १ ॥
अर्थ :- इसके प्रयोग काल में पंच नमस्कार मंत्र से रक्षा करके आम कुष्मांडी के मंत्र से दिशा बंधन करे ।
आम्रकुमाया वत् ज्वालामालिनी मंत्र संति उपचाराणं पचाना
अर्थ:- आम्र कुष्मांडी के मंत्रों के समान ही ज्वाला मालिनी देवी के पांचो उपचारों के मंत्र है । PSPSPSPSSPP १६१ P559 595952590s