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STSTD35315251255125 विधानुशासन 950151233CISIOISION
मध्ये देव्याभिधानंमष्ट दल भृत्पद्म ततस्तेषु च माया पाश गजेन्द्र रोधनकर बीजं हरेवल्लभ
॥६॥
कामेट्रैवल पिंडकं मदनुंगं ५ ब्लेकमेण
लिवेत टाहो वर मूल मंत्र वलयं यंत्रं लिरिवत्वार्चयेत् ॥७॥ बीच में देवी का नाम लिखकर उसके चारों तरफ अष्टदल कमल बनाये । इनके पत्रों में माया (ही) पाश (आं) गजेन्द्र रोधन बीज (क्रों) हरि वल्लमाक्षर (श्री) कामेन (क्ली) ऐक्ल पिंड (ब्लें) यूँ और ब्लू को क्रम से लिखे इसके चारो तरफ मूल मंत्र का यलय सहित यंत्र को लिखकर उसका पूजन करें।
ॐ नमो भगवत्या स्त्रिभि मंत्र क्रमादिमैः
कर्तव्याकाम चांडाल्या आह्यानेज्या विसष्टयः ॥ इसके पश्चात क्रम से आदि तीनों मंत्रो से काम चांडाली देवी का आह्वान पूजन और विसर्जन करे।
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आह्वनादि मंत्र
ॐ नमो भगवते काम चांडालि ऐहि ऐहि आगच्छ आगच्छ संवोष्ट आह्वाननं ॐ नमो भगवतं काम चांडाल अत्र तिष्ट तिष्ट ठः ठः स्थापन ॐ नमो भगवते काम चांडालि अत्र मम सन्निहितो भव भव वषट सन्निधिकरणं
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पूजामंत्र
ॐ नमो भगवते काम चांडालि जल गंधाक्षत कुसुमादीन गृह-गृह नमः ॐ नमो भगवते काम चांडालि मदोन्मत्त गामिनी स्वस्थानं गच्छ गच्छ जः जःजः पुनरागमनाय स्वाहा।
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॥
विसर्जन मंत्रः इसके पश्चात इस तरह ध्यान करे।
भूषिताभरणैः सबैमुक्त केशादि गंबरी पातमां काम चांडाली कृष्ण वर्ण चतुर्भुजा
॥७॥
फल कांचन कलश करा शाल्मनि दंडोच्च डमरू युग्मोटोता ।
जयता त्रिभुवन वंद्या वश्या जगति श्री काम चांडाली ॥८॥ CASIRISTSTORISTRISTOTRA १५२ PISIOISTORICISIO505051