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9501501501501505 विधानुशासन 9503STRASIRISTRISTD39 ॐ ह्रींलालापसमययन गगज सकस रच दूतांऽपरांगक्ष्मा वावग्नि प्रतीतत्रिपुर विचिति श्च दष्टात्म वक्षस्थ हंसः ग्रीवा स्पंदादयश्च तैः संदर्शितौ सम्यग्विदितौ विद्यदुदद्यौ रोन भगवता स तथोक्तः ।
तथाहिः श्री पार्श्वनाथ भट्टारकाग्रे श्रुचि प्रदेशे स्थित्वाऽष्टदल कमल कर्णिकार्य प्रणवादिकं पार्श्वनाथाय नमः इति पदं सुगधंद्रव्यै लिरिवत्वा प्रवणेवना वेष्टयित्वा पूर्वादि दलेषु ही काराद्यऽष्टाक्षरमंत्रचलिरिवत्वा त्रिगुणितमायद्यावेष्टियित्वातस्य वहि: प्रणवादिके स्वाहांते जयाय विजायाय इति पदे वलय रूपेण दत्वा तद्वाह्ये लिरिवत हुंकारादीनि स्वाहांतानि अनंताय तक्षकाय पह्माय ककोटिकाय महापद्माय शरवपालाय वासुक्ये कुलिकाय इति पदानि दत्वा पश्चाद् विधिपूर्व ॐ ह्रीं ला हा पलक्ष्मी इवीं क्ष्वी वुःस्वाहेतिमंत्रेण द्वादशे सहस्त्रं सित करवीर पुष्पैजपोदशांश होमश्च क्रियते एवमेवासौमंत्र सिद्धो भवति || उही ला हा प लक्ष्मी चल चल चालय चालय स्वाहा शाकिनी निग्रहःततःसिद्धं कत्वा नित्याभ्यासं कुर्वतेःस्वप्न दष्टागमनं कथयति तथा दूते समायते तत्काल नाडी प्रवेश निर्मन पूर्णरिक्त शीतोष्णाद्यात्म सद्भावं नष्ट चंद्रोपयोग कलिकोपकलिया उपग्रहो दयादिकं दृतस्य प्रशस्ताऽप्रशस्त तारकं सात्वा तस्य गच्छतः पधि प्टष्टतश्च पूर्वोक्त मंडल त्रय न्यासे कते मंत्रेऽवधारिते च रादा मंडल पथमाक्रमति पश्चा नावलोकयति च तदा संग्रह अन्यथा त्व संग्रहः तस्य दुधात्म वक्षस्थहंस शब्द श्रवणं ग्रीवा स्पंददृष्टि: उक्षमंत्र:दंतनरव छाया व हंसःमंत्र दशस्थानादि समस्तावयवादिपरीक्षणद्वारेण संग्रहासंग्रही ज्ञातव्यो।
इति। टीकाः लक्ष्मीवान नागेन्द्रों के बड़े तथा उठे हुवे फणों की मणियों से दिशाओं के मुख की कांति को प्रकाशित करने वाले, ई ह्रीं ला व्हा पः लक्ष्मी स्वाहा इस मंत्र का ध्यान करते हुए दूत के पीछे के भाग में पृथ्वी, वायु और अग्नि मंडल के न्यास को करें। इसे हुए के हृदय में हंसः पद लगाकरले गर्दन के फड़कने आदि के लक्षणों को संग्रह तथा न फड़कने रूप लक्षण को असंग्रह कहने वाले भगवान पार्श्वनाथ मेरी रक्षा करे। बृहत टीका:यह भगवान नागेन्द्र, शंखपाल, वासुकि, पद्म कर्कोटक अनंत कुलिक महापद्म तक्षक और जयविजय आदि नागों के स्वामी होते है। इनमें इन सब नागों का ऐश्वर्य एकत्रित रहता है। इन नागों के बड़े बड़े उठे हुए फनों में ऐसी प्रकाशमान मणियां लगी होती हैं जिनमें चारों दिशायें
SISTRIS5355131525११६ P51251215101510050515