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ब्रह्मां तर्गतं नाम मायया परि वेष्टितं काम राजेन सर्वष्टयं बाहो षोडश पत्रक पंच वाणान न्ठसे तेषु स्याहांतो कारपूर्वकान, माययात् त्रिधा येष्टयं कों कारेन निरोधोत्
॥१९५॥
भजपत्रे परे वाघि विलिख्य च हिमादिभिः
द्रां द्रीं क्लीं ब्लूं सकारांत मंत्रं क्षोभ करं जपेत् ॥१९६॥ एक षोडश दल कमल को कर्णिका के बीच में नाम लिखकर उसको क्रम से ब्रह्म (ॐ) मायया (ही) काम राज (क्ली) से वेष्टित करे। उसके याहर सोलह पत्रों में ॐ द्रां द्रीं क्लीं ब्लूं सः स्याहा मंत्र को लिखे उसके बाहर ह्रीं के तीन वलयों से वेष्टित करके क्रों से निरोधकरे तो क्षोभ करे।
Inel
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स्वाश
स्वाहा
स्वाहा
मर्म