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________________ 959595295 विद्यानुशासन Per Pses दो फूलों के आदि में प्रणव (ॐ) लगाकर उसमें बिलाशिनी स्त्री का नाम लगाकर देने से पुरुष स्त्रियों में कामदेव का अवतार बन जाता है इसका उपदेश गुरु से विधि पूर्वक लेना चाहिए। ॐ द्रां द्रीं क्लीं ब्लूं सः संक्ली ऐनित्येक्लिन्ते मद द्रवे मदनातुरे मम सर्वजन वश्यं कुरु कुरु वषट् ॥ दात तांबूल गंधादीन् मंत्रेणनेन मंत्रवित् क्षालयेत आत्मनो वक्रं सः स्त्रीणां मन्मयो भवेत् ॥ ३९ ॥ इस मंत्र से अभिमंत्रित किये हुए पान गंध आदि खाने को दे तथा इस मंत्र से अभिमंत्रित किये हुए जल में अपना मुँह धोए तो यह स्त्रियों में कामदेव हो जाता है । लोक कामाधिपावग्रे ब्लूं द्रां द्रीं क्रम सो लिखेत् मंत्र तट विदो एण्डु लिनी पंच रोपणात् ह्रीं क्लीं ब्लूं द्रां द्रीं लोक (हीं) कामाधिप (क्लीं) के आगे ब्लूं द्रां और द्रीं क्रम से लिखे इस मंत्र को मंत्र शास्त्र के विद्वानों ने ज्वाला मालिनी देवी के पाँच बाण कहे हैं। नतत्त्व हामाद्विपेंद्र कारसमन्वितं चतुबींज पूर्वोक्त पंच वाणैर्भव तत्त्वं प्राहुराचार्याः वश्यं क्षीं 1188 11 हां आंद्विप (हाथी) को वश में करने वाला क्रौं और क्षं सहित यह चारों बीजाक्षर को पूर्वोक्त पाँचों बाणों में मिलाकर के इसको मंत्र शास्त्र के विद्वानों ने नौ तत्त्व कहा है अर्थात् ॥ नव तत्त्व ॥ ह्रीं क्लीं ब्लूं द्रां ह्रीं हां आं क्रों क्षीं यह नौ तत्त्व हैं। प्रत्याहं प्रातरुत्थाय तोये विनस्य तेन यः क्षालये दात्मनो वक्रं सः स्त्रीणामकरध्वजः || 80 || ॥ ४२ ॥ जो पुरुष प्रातः काल उठकर इस मंत्र से अभिमंत्रित किये हुए जल से अपने मुख को धोता है यह पुरुष स्त्रियों का कामदेव हो जाता है। कार्मेंद्रोद्धतले त्रिमूर्तिमथ तत पार्श्व द्वयेब्लेन्यसेत् बाणान्पंच तदंतरे वहिरपिश्री भारती बीजकां PSPSS 9503···× P5P39595052525
SR No.090535
Book TitleVidyanushasan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMatisagar
PublisherDigambar Jain Divyadhwani Prakashan
Publication Year
Total Pages1108
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size24 MB
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