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वास्तु चिन्तामणि
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IFEST
उत्तर
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दक्षिण
[LLI]]
पश्चिम
7. प्रासाद- द्विशाल घर के आगे तीन अलिन्द तथा तीनों दिशाओं में दो दो
अलिन्द हों। परिवार को शुभफल दायक है। 8. द्विवेध- घर के आगे चार अलिन्द हों तथा पीछे की तरफ तीन अलिन्द
हों। ऐसा घर सामान्यत: अशुभ है। वास्तुसार में उल्लेख है कि त्रैलोक्य सुन्दर आदि चौंसठ घर राजाओं के लिए श्रेष्ठ एवं उपयुक्त होते हैं।
तिअलोयसुंदराई चउसट्ठि गिहाई हुति रायाणो। ते पुण अवह संपइ मिच्छा ण च रज्ज भावेण।।
वास्तुसार प्र. । गा. 106